Edited By Anil Kapoor,Updated: 21 Mar, 2023 09:15 AM

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर कथित हमले के मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता (Nand Gopal Gupta) 'नंदी' को सुनाई गई एक साल की सजा पर रोक लगा दी है। कोर्ट...
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर कथित हमले के मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता (Nand Gopal Gupta) 'नंदी' को सुनाई गई एक साल की सजा पर रोक लगा दी है। कोर्ट (Court) ने यह भी निर्देश दिया कि इस मामले में नंदी को जमानत (Bail) पर रिहा किया जाए। इस साल 25 जनवरी को यहां की एक एमपी/एमएलए अदालत (MP/MLA Court) ने मामले में नंदी को एक साल कैद और 10,000 रुपए के जुर्माने (Fine) की सजा सुनाई थी। हालांकि, सजा सुनाते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट ((MP/MLA Court)) ने उन्हें अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों पर कथित रूप से अत्याचार करने के आरोप से बरी कर दिया था।
यूपी के मंत्री नंदी को मिली 1 साल की जेल की सजा पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक
जानकारी के मुताबिक, सोमवार को नंदी द्वारा दायर एक आपराधिक अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता ने उपरोक्त निर्देशों को पारित करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि अपीलकर्ता को दी गई अधिकतम सजा एक वर्ष है और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और अपीलकर्ता पहले से ही जेल में है। अपील के अंतिम निस्तारण में भारी डॉकेट के कारण लंबा समय लगेगा, इसलिए अपीलकर्ता ने जमानत के लिए मामला बनाया है।

2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार थे मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी'
आपको बता दें कि नंदी 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार थे। अभियान के दौरान, एक वेंकट रमन शुक्ला ने नंदी के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि नंदी के उकसाने पर, उनके समर्थकों ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला किया, उन पर गोलीबारी की और जाति आधारित भाषा का इस्तेमाल किया। नंदी के खिलाफ यह आपराधिक मामला प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाने में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की कुछ धाराओं के तहत दर्ज किया गया था।