Mayawati B,day Special: वो सशक्त नेत्री, जिसके बिना अधूरी है भारतीय राजनीति की बात

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 15 Jan, 2023 01:23 PM

mayawati b day special that powerful leader who cannot speak

बहन मायावती वो सशक्त नेत्री हैं, जिसके बिना भारतीय राजनीति की बात मुकम्मल हो ही नहीं सकती। सियासत के तमाम स्थापित समीकरणों को उलट-पुलट कर रख देने वाली मायावती यूपी की सत्ता में 4 बार काबिज रहीं। बस इतना ही नहीं...

लखनऊ: बहन मायावती वो सशक्त नेत्री हैं, जिसके बिना भारतीय राजनीति की बात मुकम्मल हो ही नहीं सकती। सियासत के तमाम स्थापित समीकरणों को उलट-पुलट कर रख देने वाली मायावती यूपी की सत्ता में 4 बार काबिज रहीं। बस इतना ही नहीं मायावती महिला सशक्तिकरण की जीती जागती उदाहरण हैं, जिन्होंने फर्श से अर्श का सफर तय कर राजनीति में अपना लोहा मनवाया। उनका ये सफर इतना आसान नहीं था, उनके इस सफर में गेस्ट हाउस कांड जैसी काली यादें भी जुड़ी हैं, जो कभी भुलाई नहीं जा सकती। ऐसे में स्व. कांशीराम का नाम लेना इसलिए लाजमी हो जाता है, क्योंकि वह वो जौहरी थे, जिन्होंने मायावती की क्षमताओं को निखारने का काम किया।
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मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 को सुचेता कृपलानी अस्पताल, नई दिल्ली में एक जाटव (SC) परिवार में हुआ था। उनके पिता, प्रभु दास, बादलपुर, गौतमबुद्धनगर में एक डाकघर कर्मचारी थे। मायावती का असली नाम चंद्रावती था, देश में दलित राजनीति के दिग्गज नेता कांशीराम से भेंट के बाद चंद्रावती के जीवन की दिशा ही बदल गई। कांशीराम के संपर्क में आईं और सक्रिय राजनीति में भाग लेने लगीं तब कांशीराम ने उनका नाम मायावती रख दिया। बीए करने के बाद मायावती ने दिल्ली के कालिन्दी कॉलेज से एलएलबी किया। पढ़ाई के प्रति इनका इतना रुझान था कि सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी के साथ इन्होंने बीएड भी किया। इसके बाद अपने करियर की शुरुआत दिल्ली के एक स्कूल में एक शिक्षिका के रूप में की। उन्होंने सिविल सॢवसेस की तैयारी भी की।

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कांशीराम मायावती को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया जिसमें वो सफल भी हुए, लेकिन इसके लिए मायावती के पिता तैयार नहीं थे। फिर भी मायावती राजनीति में आईं लेकिन इससे उनके अपने पिता से संबंध खराब होने लगे। मायावती घर छोड़ बामसेफ का काम देखने कांशीराम के ही किराए के घर में रहने लगीं। कांशीराम का यह घर अक्सर खाली ही रहता था। वे बाद में अपने साथ अपने भाई सिद्धार्थ को भी ले आईं। हालांकि बाद में उनके पिता से संबंध ठीक हो गए थे। 1993 में जब सपा-बसपा के गठबंधन की सरकार बनी, मुलायम सिंह मुख्यमंत्री हुए और मायावती को सरकार में उनके प्रभाव के कारण महामुख्यमंत्री कहा जाने लगा। 1995 में वे देश की पहली SC/ST महिला मुख्यमंत्री बनीं, जब उन्होंने UP के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अब तक वे चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। 

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