Edited By Pooja Gill,Updated: 04 Jan, 2025 12:34 PM
Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेले को हर दृष्टि से सुरक्षित बनाया जा रहा है। इसी दिशा में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने रासायनिक और परमाणु आपदाओं से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया...
Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेले को हर दृष्टि से सुरक्षित बनाया जा रहा है। इसी दिशा में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने रासायनिक और परमाणु आपदाओं से निपटने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। मेला प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि रासायनिक और परमाणु आपदाओं जैसी संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए मेला प्राधिकरण, पुलिस प्रशासन और चिकित्सा अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने किया।
श्रद्धालु श्रद्धा के संगम में बेफिक्र होकर लगाएंगे डुबकी
परमाणु ऊर्जा विभाग के शरद सेठ ने बताया कि श्रद्धालुओं को मेला में बेफिक्र और निर्भीक होकर श्रद्धा के संगम में डुबकी लगा के जाना चाहिए। भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग और उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों, रासायनिक आपदाओं का त्वरित आकलन, प्रभावितों का सुरक्षित बचाव तथा स्वास्थ्य सहायता प्रबंधन पर जोर दिया गया और विभिन्न आधुनिक उपकरणों का प्रदर्शन भी किया गया। योगेंद्र डिमरी ने कहा कि प्रदेश में महाकुम्भ जैसे बड़े आयोजन के दौरान सभी भागीदारों की जागरुकता और जानकारी के लिए परमाणु तथा रासायनिक आपदा से बचाव एवं सुरक्षा संबंधित कार्यशाला कराई जा रही है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में लिया 400 प्रतिभागियों ने हिस्सा
प्रशिक्षण कार्यक्रम में परमाणु ऊर्जा विभाग, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने रासायनिक रिसाव का आकलन और प्रतिक्रिया रणनीति, प्रभावित का सुरक्षित बचाव, महाकुम्भ मेले के लिए रेडियोधर्मी आपातकाल की तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर व्याख्यान दिया। परमाणु ऊर्जा विभाग के अरुण कुमार नायक ने बताया कि विभाग सभी भागीदारों को समय-समय पर तकनीकी सहायता, क्षमता संवर्धन जानकारी प्रदान करता रहता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में केंद्र से परमाणु ऊर्जा विभाग, मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, नयी दिल्ली से डीआरडीओ, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, भारतीय सेना, मेला प्रशासन, पुलिस एवं जिला प्रशासन के अधिकारी, अग्निशमन विभाग, जिला अस्पताल के चिकित्साधिकारी और मेला क्षेत्र में स्थापित सभी अस्पतालों के चिकित्साधिकारी समेत कुल 400 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।