Loksabha Election 2024: बांसगांव लोकसभा सीट का इतिहास....जानिए, कब किसने किसको दी मात ?

Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 Apr, 2024 03:16 PM

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गोरखपुर जिले के अंतर्गत आने वाली दूसरी लोकसभा सीट बांसगांव है....यह सीट 1962 में अस्तित्व में आई थी...80 लोकसभा सीटों में बांसगांव सीट संख्या 67 है...यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरिक्षत भी है...इस सीट पर श्रीनेत राजपूतों का दबदबा है...लेकिन दलितों...

गोरखपुर जिले के अंतर्गत आने वाली दूसरी लोकसभा सीट बांसगांव है....यह सीट 1962 में अस्तित्व में आई थी...80 लोकसभा सीटों में बांसगांव सीट संख्या 67 है...यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरिक्षत भी है...इस सीट पर श्रीनेत राजपूतों का दबदबा है...लेकिन दलितों के बड़े नेताओं में शुमार महावीर प्रसाद यहीं से 4 बार चुनाव जीते.. महावीर प्रसाद का नाम प्रदेश के बड़े नेताओं में शामिल किया जाता है...

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अगर बात करें इस सीट के लोकसभा इतिहास की तो...यहां अब तक 15 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं...पहली बार 1962 में इस सीट पर चुनाव हुए...जिसमें कांग्रेस नेता महादेव प्रसाद चुनाव जीते..1967 के चुनाव में एसएसपी के टिकट पर मोलाहू यहां से सांसद चुने गए...वहीं 1971 के चुनाव में कांग्रेस के रामसूरत यहां से सांसद बने..1977 भारतीय लोकदल के फिरंगी प्रसाद यहां से सांसद बने...1980 के चुनाव में महावीर प्रसाद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते...इसके बाद 1984 और 1989 के चुनाव में भी महावीर प्रसाद यहां से सांसद चुने गए...1991 के चुनाव में यहां बीजेपी ने एंट्री मारी और राजनारायण यहां से सांसद बने...1996 के चुनाव में समाजवादी पार्टी की सुभ्रावति देवी यहां से चुनाव जीती...1998 और 1999 के चुनाव में बीजेपी के राजनारायण सांसद बने...2004 के चुनाव में महावीर प्रसाद चौथी बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते....वहीं 2009, 2014 और 2019  के चुनाव में बीजेपी के कमलेश पासवान सांसद बने....

इस लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती है...जिनमें 2 सीटें देवरिया जिले से ली गई हैं..और तीन सीटें गोरखपुर जिले से...देवरिया जिले के अंतर्गत आने वाली सीटें रूद्रपुर और बरहज है...वहीं चौरी-चौरा, बांसगांव और चिल्लूपार सीटें गोरखपुर में आती है...

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2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सभी पार्टियों का सूफड़ा साफ करते हुए पाचों सीटों पर कब्जा जमाया था..

 

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बांसगांव सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 27 हजार 798 थी.... जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 47हज़ार 139  थी... जबकि महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 80 हज़ार 564 थी... वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 95 रही...

 

एक नजर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के मतदाताओं की संख्या पर

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनावों के नतीजों पर डालें..तो साल 2019 में इस सीट पर बीजेपी के कमलेश पासवान ने जीत की हैट्रिक लगाई थी..कमलेश पासवान को कुल 5 लाख 46 हजार 673 वोट मिले..वहीं बसपा के सदल प्रसाद 3 लाख 93 हजार 205 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे..जबकि पीएसपी के सुरेंद्र प्रसाद भारती को 8 हजार 717 वोट मिले थे..जो तीसरे स्थान पर रहे....

 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

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अब एक नजर 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो...साल 2014 में इस सीट पर बीजेपी के कमलेश पासवान ने दूसरी बार जीत दर्ज की थी..कमलेश को कुल 4 लाख 17 हज़ार 959 वोट मिले...जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के सदल प्रसाद रहे...सदल को कुल 2 लाख 28 हज़ार 443 वोट मिले...वहीं तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के गोरख प्रसाद पासवान रहे...गोरखप्रसाद को कुल 1 लाख 33 हज़ार 675 वोट मिले...

 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

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साल 2009 की बात करें..तो बीजेपी के युवा नेता कमलेश पासवान पहली बार यहां से सांसद चुने गए थे...इस चुनाव में कमलेश को कुल 2 लाख 23 हज़ार 11 वोट  मिले...दसरे नंबर पर बसपा के श्रीनाथ जी रहे...श्रीनाथ को कुल 1 लाख 70 हज़ार 224 वोट मिले...वहीं तीसरे नंबर पर सपा के शारदा द्विवेदी रहे..शारदा को इस चुनाव में कुल 1 लाख 13 हज़ार 170 वोट मिले...

 

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

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साल 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के महावीर प्रसाद यहां से चौथी बार सांसद चुने गए..इस चुनाव में महावीर प्रसाद को कुल 1 लाख 80 हज़ार 388 वोट मिले...दूसरे नंबर पर बसपा के सदल प्रसाद रहे...सदल प्रसाद को कुल 1 लाख 63 हज़ार 947 वोट मिले...वहीं तीसरे नंबर पर सपा से सभापति पासवान रहे..सभापति को कुल 1 लाख 35 हज़ार 501 वोट मिले...

 

एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

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एफवीओ- बांसगांव लोकसभा सीट उत्तरप्रदेश की 67 नंबर सीट है..बांसगांव सीट पर जातीय समीकरणों की बात करें, तो इस सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता अन्य पिछड़ा वर्ग ( ओबीसी) के बताए जाते हैं..एक अनुमान के मुताबिक इनकी संख्या करीब 8.34 लाख है...जबकि 2.5 लाख मतदाता अनुसूचित जाति के हैं...वहीं सवर्ण मतदाताओं की संख्या भी करीब 5 लाख है और डेढ़ लाख मुस्लिम मतदाता हैं...अनुसूचित जाति में पासवान जाति के लोग काफी मजबूत है...अब बात अगर 2024 के लोकसभा चुनावों की करें तो भाजपा ने एक बार फिर कमलेश पासवान पर भरोसा जताया है..कमलेश पासवान पिछले डेढ़ दशक से इस सीट पर काबिज हैं...वहीं इंडिया गठबंधन ने सदल प्रसाद को मैदान में उतारा है..सदल प्रसाद बीते डेढ़ दशक से इस सीट पर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े हैं...लेकिन हमेशा ही उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा है।

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