Edited By Mamta Yadav,Updated: 09 Sep, 2025 10:22 PM

शहर में लगातार हो रही बारिश के बाद जलभराव और गंदगी की समस्या को लेकर कानपुर की महापौर प्रमिला पांडेय ने मंगलवार को गोविंद नगर के चावला मार्केट चौराहे का निरीक्षण किया। वहां की हालत देख कर मेयर का गुस्सा फूट पड़ा। मेट्रो निर्माण कार्य में लापरवाही को...
Kanpur News: शहर में लगातार हो रही बारिश के बाद जलभराव और गंदगी की समस्या को लेकर कानपुर की महापौर प्रमिला पांडेय ने मंगलवार को गोविंद नगर के चावला मार्केट चौराहे का निरीक्षण किया। वहां की हालत देख कर मेयर का गुस्सा फूट पड़ा। मेट्रो निर्माण कार्य में लापरवाही को लेकर नाराज मेयर ने मौके पर बुलाए गए एक मेट्रो अधिकारी को कीचड़ में धकेल दिया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और सियासी हलकों में हड़कंप मचा हुआ है।
निरीक्षण के दौरान भड़कीं 'अम्मा'
महापौर को जब स्थानीय निवासियों से जानकारी मिली कि गोविंद नगर इलाके में जलभराव और कीचड़ मेट्रो निर्माण कार्य की अव्यवस्थाओं के कारण हो रहा है, तो उन्होंने मेट्रो परियोजना के जिम्मेदारों को तत्काल मौके पर बुलाया। जब अधिकारी जवाब देने आए, तो उनकी सफाई से महापौर संतुष्ट नहीं हुईं। बात-बात में माहौल गर्म हो गया और गुस्से से तमतमाई मेयर ने मेट्रो अधिकारी को पकड़कर कीचड़ में धकेल दिया।
सख्त लहजे में दी चेतावनी
घटना के बाद भी प्रमिला पांडेय का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने दो टूक कहा, "अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो मेट्रो अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने मेट्रो निर्माण कार्य को लेकर नगर निगम की छवि खराब होने का भी आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, विपक्ष ने साधा निशाना
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। लोग इसे "जनता की आवाज़ उठाने वाला कदम" बता रहे हैं, तो कुछ इसे "लोकतांत्रिक मर्यादा का उल्लंघन" मान रहे हैं। विपक्षी दलों ने मेयर के व्यवहार को "तानाशाही" करार दिया है। एक विपक्षी नेता ने कहा: "नगर निगम खुद शहर को नरक बना रहा है, और अब मेट्रो अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।"
मेट्रो बनाम नगर निगम: किसकी गलती?
विवाद के बाद अब जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। कुछ लोग मेट्रो प्रोजेक्ट की खराब प्लानिंग को दोषी ठहरा रहे हैं, तो कुछ नगर निगम की जल निकासी व्यवस्था की विफलता को भी इसकी वजह मान रहे हैं। ऐसे में मामला अब केवल कीचड़ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही का मुद्दा बन चुका है।