संविधान दिवस पर बोलीं आनंदीबेन पटेल, कहा- आमजन को संविधान की जानकारी होना आवश्यक

Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Nov, 2023 01:40 AM

it is necessary for the common man to know about the constitution

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शैक्षणिक सफलता की ओर महिलाओं के बढ़ते हुए कदमों की प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि अब महिला सशक्तिकरण नहीं बल्कि पुरूष सशक्तिकरण की जरूरत खड़ी हो रही है। राज्यपाल ने संविधान दिवस के अवसर पर कहा कि आम जन को...

Ballia News: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शैक्षणिक सफलता की ओर महिलाओं के बढ़ते हुए कदमों की प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि अब महिला सशक्तिकरण नहीं बल्कि पुरूष सशक्तिकरण की जरूरत खड़ी हो रही है। राज्यपाल ने संविधान दिवस के अवसर पर कहा कि आम जन को संविधान की जानकारी होना आवश्यक है। जिले के बसंतपुर स्थित जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में रविवार को पहुंचकर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने विश्वविद्यालय के 38 मेधावी छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया। इनमें छात्रों की संख्या 12 छात्र तो छात्राओं की संख्या 26 रही।
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छात्रों की अपेक्षा छात्राओं की अधिक संख्या देकर इसकी प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा “ आज हम जब भी किसी विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में जाते हैं तो वहां 80 फीसदी लड़कियां होती हैं तो पुरुष 20 फीसदी ही होते हैं जिसे देखकर हम चर्चा करते हैं कि अब महिला सशक्तिकरण की नहीं बल्कि पुरूष सशक्तिकरण की जरूरत खड़ी हो रही है। 20 साल से हम महिलाओं के पीछे पड़े थे। महिलाओं की शिक्षा, महिलाओं का सम्मान, व्यवसाय से जोड़ना, अलग अलग प्रकार की योजना बनाने, विश्वविद्यालय में महिलाओं को प्रवेश मिले, इसके लिए प्रयास करना। भ्रूण हत्या काम हो, इसके लिए बेटी पढ़ाओ – बेटी बचाओ का आयोजन हुआ, बेटियों ने अपनी ताकत बताई, समाज को बुराइयों के कारण बेटियों को पीछे धकेल दिया गया, घर में सीमित कर दिया, इनका काम बच्चा पैदा करने और बच्चे बड़े करने, परवरिश करने तक रख दिया गया, बाहरी दुनिया से अलग कर दिया गया, अब ये विचार बदल गया है।”
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उन्होंने समाज में महिलाओं के सम्मान पर विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि बेटियों को बचाइए और महिलाओं का सम्मान करिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या समाज में महिलाओं का सम्मान होता है। दहेज की प्रथा के कारण उसे जलाया जाता है। मार दिया जाता है। भ्रूण हत्या की जाती है। समाज को भी सोचना पड़ेगा। समाज में सुरक्षा मिलनी चाहिए। किसी के मन में भी आपत्तिजनक विचार नहीं आना चाहिए। बेटियां राजभवन में मिलने आती हैं तथा बताती हैं कि यह आपत्ति उनके साथ हो रही है। थाना में जाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नही होती, राजभवन से हस्तक्षेप के बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होती है। जब पुलिस उसे सुरक्षा नही देती, वह कहां जाए। शिक्षा हमे मां, बेटी और महिला के सम्मान की सीख देती है। उन्होंने कहा है कि कुपोषण के खात्मे के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्री प्रमुख भूमिका का निर्वहन करें। इसके साथ ही टीवी मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए ग्राम स्तर से प्रयास हो। उन्होंने आहवान किया है कि बेटियां रक्षा बंधन पर भाई से कैंसर निरोधी वैक्सीन का टीका उपहार में ले।

वहीं सविधान दिवस के अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि आम जन को संविधान की जानकारी होना आवश्यक है । मौलिक अधिकार और कर्तव्य संविधान के मूल अंग हैं। मौलिक अधिकारों के लिए तो हम आगे आते हैं, लेकिन कर्तव्य की बात जब आती है तो हम पीछे रह जाते हैं। राज्यपाल ने कहा ‘ संविधान हमारा मार्गदर्शक, मूल ग्रंथ है। आवश्यकता है कि हम अपने कर्तव्य को जाने, समझे और उसे करें। आम जन को संविधान की जानकारी होना आवश्यक है। राष्ट्र की एकता और अखंडता और सामाजिक समरसता के लिए कर्तव्य का अनुसरण करें। विश्वविद्यालय के स्तर से युवाओं को मूल कर्तव्य की जानकारी के लिए अभियान चलाया जाए। देश की युवा पीढ़ी को मूल कर्तव्य के बारे में बताया जाना आवश्यक है।

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