UP के सरकारी अस्पतालों में शाम को OPD सेवाएं शुरू करने पर कर रही है विचार: सिंह

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 22 Jul, 2019 05:38 PM

in the government hospitals of up

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और शाम को सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं शुरू करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सिंह ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान समा...

लखनऊः उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और शाम को सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं शुरू करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सिंह ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी(सपा) सदस्य मनोज कुमार पांडेय के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जो भी आवश्यक है, कर रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और शाम को सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं शुरू करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा सरकार ने सभी जिलों में टेली-परामर्श और 28 जिलों में टेली-मेडिसिन सुविधा शुरू की है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब 2017 में भाजपा सरकार सत्ता में आई थी, राज्य में डॉक्टरों की 7,338 रिक्तियां थीं जो अब घटकर 2,230 हो गई हैं। इसके अलावा, पिछले दो वर्षों के दौरान, सरकार ने 52 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 47 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने की शुरुआत की हैं।

सपा सदस्य पांडे ने आरोप लगाया कि अभी भी सरकार 18 सीएचसी और दस पीएचसी शुरू करने के लिए कोई तारीख नहीं दे रही है, जिनकी इमारतें पूरी हो चुकी हैं। राज्य में, समुचित चिकित्सा सुविधाये उपलब्ध न होने के कारण गाँवों में 697 लोगों की मृत्यु हो गयी। पांडे ने कहा कि 18 सीएचसी तथा दस पीएचसी केन्द्रों के शुरू न होने के कारण 11 लाख से अधिक लोग स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं।

कांग्रेस सदस्य अदिति सिंह के एक सवाल पर, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार दिन में दो बार सरकारी अस्पतालों में ओपीडी शुरू करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि हम सरकारी अस्पतालों में शाम को भी ओपीडी संचालन के लिये कार्य कर रहे है। कानपुर में आईएमए कानपुर में इस पायलट परियोजना पर काम चल रहा है। मंत्रिमंडल में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से पहले वित्तीय भार आकलन किया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री ने सपा सदस्य संजय गर्ग के एक प्रश्न के जवाब में कहा कि एईएस के रोगियों में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि 2019 में एईएस से पीड़ति मरीजों में अब तक सिर्फ 25 लोगों की मृत्यु हुई है। 2018 में इनकी सख्या 248 और 2017 में 644 थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस वायरस से निपटने के लिये कई कदम उठाए हैं। जिसमें प्रभावित जिलों में टीकाकरण और वेंटिलेटर स्थापित करना शामिल है।
 

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