Edited By Pooja Gill,Updated: 12 Jan, 2025 02:32 PM
लखनऊ (अश्वनी सिंह): उत्तर प्रदेश की बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया था। इसके तहत 10वीं और 12वीं की यूपी बोर्ड की परीक्षाएं भी सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 के तहत आएंगी। ऐसे में अगर किसी...
लखनऊ (अश्वनी सिंह): उत्तर प्रदेश की बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया था। इसके तहत 10वीं और 12वीं की यूपी बोर्ड की परीक्षाएं भी सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 के तहत आएंगी। ऐसे में अगर किसी ने परीक्षा में नकल कराने की कोशिश की तो उसे आजीवन कारावास के साथ-साथ एक करोड़ तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। यूपी बोर्ड की सचिव भगवती सिंह की ओर से जल्द ही निर्देश जारी होंगे।
मिलेगी ये सजा
बता दें कि अभी उत्तर प्रदेश में 2025 की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां चल रही हैं। इस बार की परीक्षा में सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम 2024 लागू किया जा रहा है। इसके तहत अगर कोई परीक्षा के निष्पक्ष संचालन में बाधा डालता है क्वेश्चन पेपर या उसके किसी भाग की फोटो कॉपी कराकर नकल कराने की कोशिश करता है तो उसे अधिकतम एक साल की जेल और 5 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
जल्द जारी होंगे निर्देश
इसके अलावा अगर कोई सॉल्वर गिरोह पहली बार परीक्षा को प्रभावित करता है या पेपर आउट कराता है या नकल कराते हुए पकड़ा जाता है तो उसे 3 से 14 साल तक की जेल और 10 से 25 लाख रुपये तक जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। इसके बावजूद अगर सॉल्वर गिरोह अपनी हरकत से बाज नहीं आते और दोबारा इसी अपराध की पुनरावृत्ति करते हैं तो उके आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। साथ ही उन पर 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जल्द ही ये निर्देश सभी क्षेत्रीय अपर सचिवों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे जाएंगे।