Edited By Imran,Updated: 29 May, 2022 04:52 PM
देवबंद में जमीयत के अधिवेशन के दूसरे दिन मौलाना महमूद मदनी के एक बयान ने गर्मी बढ़ा दी। दरअसल, उन्होंने कहा कि कितना कुछ सहने के बावजूद हम चुप हैं। यह हमारे सब्र का इम्तिहान है, कहा कि यदि हमारा खाना, पहनना नहीं पसंद तो हमारे साथ मत रहो, कहीं और...
सहारनपुर: देवबंद में जमीयत के अधिवेशन के दूसरे दिन मौलाना महमूद मदनी के एक बयान ने गर्मी बढ़ा दी। दरअसल, उन्होंने कहा कि कितना कुछ सहने के बावजूद हम चुप हैं। यह हमारे सब्र का इम्तिहान है, कहा कि यदि हमारा खाना, पहनना नहीं पसंद तो हमारे साथ मत रहो, कहीं और चले जाओ।
बता दें कि जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अधिवेशन में अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हमारा मजहब अलग है, हमारा लिबास अलग है, हमारे खाने-पीने, पहनने का तरीका भी अलग है। यदि तुमको हमारा मजहब बर्दाश्त नहीं है तो तुम कहीं ओर चले जाओ। मौलाना मदनी ने कहा कि वे जरा-जरा सी बात पर हमें कहते हैं कि पाकिस्तान चले जाओ। अरे तुम्हें मौका नहीं मिला था पाकिस्तान जाने का। हमें मौका मिला लेकिन हमने रिजेक्ट कर दिया था।
अधिवेशन में आज दूसरे दिन ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा शाही ईदगाह और कॉमन सिविल कोड को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए। जिसका अधिवेशन में मौजूद उलमा ने खुले दिल से समर्थन किया। कहा कि कॉमन सिविल कोड को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। जाहिर है अधिवेशन के मंच से अंतिम दिन मौलाना महमूद मदनी का बयान गर्मी के मौसम में और तपिश बढ़ाने वाला साबित होगा।