OBC की 18 जातियों को SC में शामिल करने के मामले में HC ने अखिलेश और योगी सरकार के नोटिफिकेशन को किया रद्द

Edited By Ramkesh,Updated: 31 Aug, 2022 05:02 PM

hc cancels the notification of akhilesh and yogi government in the matter

योगी सरकार और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, ओबीसी की 18 जातियों को SC में शामिल करने के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है। सपा शासन काल और योगी सरकार ने  ओबीसी की 18 जातियों को SC में शामिल करने का नोटिफिकेशन...

प्रयागराज: योगी सरकार और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, ओबीसी की 18 जातियों को SC में शामिल करने के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है। सपा शासन काल और योगी सरकार ने  ओबीसी की 18 जातियों को SC में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी किया था।  बता दें कि हाईकोर्ट ने 24 जनवरी 2017 को सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगाई थी। 21 व 22 दिसंबर 2016 को तत्कालीन अखिलेश सरकार में नोटिफिकेशन जारी हुआ था। इसके बाद 24 जून 2019 को भी योगी सरकार में नोटिफिकेशन जारी हुआ था। हाईकोर्ट ने तीनों नोटिफिकेशन रद्द कर दिए हैं।  मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर की डिवीजन बेंच में हुई। महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने कोर्ट को बताया कि नोटिफिकेशन को बनाए रखने का कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है। ओबीसी की जातियों को एससी में शामिल करने का अधिकार केवल भारत की संसद को है। इस आधार पर कोर्ट ने तीनों नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है।

बता दें कि इस मामले में डॉ भीमराव अंबेडकर ग्रन्थालय एवं जनकल्याण समिति गोरखपुर के अध्यक्ष हरिशरण गौतम की जनहित याचिका व इसी संस्था के सदस्य गोरख प्रसाद की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, हालांकि इस मामले में कोई सर्टिफिकेट नहीं जारी किए गए थे। क्योंकि 2016 में सपा शासनकाल में जारी नोटिफिकेशन के बाद महाधिवक्ता हाई कोर्ट में पेश हुए थे। वहीं अब कोर्ट ने सपा शासन काल और योगी सरकार के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है।

SC में शामिल होने के लिए संविधान में क्या है नियम
संविधान के अनुच्छेद 341(2) के तहत संसद को ही यह अधिकार है, सांसद ही अनुसूचित जातियों की सूची में संशोधन कर सकती है। किसी भी जाति की सामाजिक स्थिति का सर्वे करा कर उन्हें अनुसूचित जाति में शामिल कर सकती है। जबकि राज्य सरकार अपने हिसाब से ओबीसी की जातियों को एससी में शामिल कर रही थी। फिलहाल कोर्ट ने कोर्ट मामले की सुनवाई के दौरान अधिकारियों के रवैये पर की तल्ख टिप्पणी की, कोर्ट ने संविधान के प्रावधानों का बार-बार उल्लंघन करने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाए।

इन 18 ओबीसी जातियां कौन-कौन सी हैं, जिन्हें एससी कैटेगरी में लाया जा रहा था
ओबीसी की वह जातियां जिन्हें एससी में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी हुआ था, उसमें मझवार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा गोडिया, मांझी और मछुआ शामिल हैं। 28 मार्च, 2012 को मुख्य सचिव के परिपत्र में सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बात की गई, जिसमें अनुसूचित वर्ग के भीतर 18 से अधिक पिछड़ी उप-जातियों को हिस्सा बनाना शामिल था। हालांकि, इस मामले को केंद्र ने खारिज कर दिया था। 

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