Hathras stampede case: मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर सहित 2 अन्य गिरफ्तार, भगदड़ में 121 लोगों की चली गई थी जान

Edited By Anil Kapoor,Updated: 06 Jul, 2024 06:45 PM

hathras stampede case main accused dev prakash and two others arrested

Hathras stampede case: हाथरस भगदड़ मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन और लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस भगदड़ में सत्संग के बाद 121 लोगों की जान चली गई थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) हाथरस निपुण...

Hathras stampede case: हाथरस भगदड़ मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन और लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस भगदड़ में सत्संग के बाद 121 लोगों की जान चली गई थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) हाथरस निपुण अग्रवाल ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया कि मुख्य आयोजक और मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को हाथरस पुलिस के विशेष अभियान समूह ने शुक्रवार देर शाम दिल्ली के नजफगढ़ से गिरफ्तार कर लिया।'' उन्होंने बताया कि शनिवार को सिकंदराराऊ पुलिस ने दो और आरोपियों राम प्रकाश शाक्य और संजू यादव को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि एडीजी आगरा जोन ने देव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का नकद इनाम घोषित किया है।

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एसपी ने बताया कि 2 जुलाई को फुलराई मुगल गढ़ी गांव में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा कि उसी दिन सिकंदराराऊ थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत मुख्य आयोजक देव प्रकाश और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और जांच डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई थी।'' पुलिस ने छह आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी को भी पुलिस हाथरस ले आयी है। उन्होंने कहा, ‘‘ देव प्रकाश की गिरफ्तारी के असफल प्रयासों के बाद एडीजी आगरा जोन ने 4 जुलाई को उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

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एसपी ने कहा कि मुख्य आरोपी से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि वह 2010 से एटा में मनरेगा के तहत जूनियर इंजीनियर के पद पर संविदा पर काम कर रहा था। वह पिछले कई वर्षों से संगठन से जुड़ा हुआ है और मुख्य रूप से कार्यक्रमों के आयोजन और धन एकत्र करने के लिए जिम्मेदार था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि देव प्रकाश ने 2 जुलाई को फुलारी मुगल गढ़ी गांव में आयोजित कार्यक्रम के लिए अनुमति ली थी। मुख्य रूप से उसकी दो भूमिकाएं सामने आई हैं, पहली मुख्य आयोजक के रूप में और दूसरी धन जुटाने वाले के रूप में।

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एसपी ने बताया कि पता चला है कि देव प्रकाश के निर्देशन में काम करने वाले सेवादार और आयोजन समिति के कार्यकर्ता सत्संग के दौरान प्रवेश, निकास, बैरिकेडिंग और पाकिर्ंग की जिम्मेदारी संभालते थे। उन्होंने कहा कि वे सत्संग के दौरान पुलिस प्रशासन को किसी भी तरह के हस्तक्षेप से रोकते थे। कमांडो की पोशाक पहने उनके सेवादार सारी व्यवस्था करते थे। यह पता चला है कि 2 जुलाई को सत्संग के दौरान उचित व्यवस्था नहीं की गई थी और प्रशासन द्वारा जारी अनुमति पत्र की कई शर्तों का उल्लंघन किया गया था। घटना के बाद सभी सेवादार मौके से भाग गए, जिससे अव्यवस्था फैल गई और भगदड़ मच गई।

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एसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह भी पता चला है कि उन्होंने भीड़ के बीच वाहनों को ले जाने की व्यवस्था की थी, जबकि उन्हें पता था कि इससे बड़ी घटना हो सकती है। अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को पुलिस हिरासत में लिया जाएगा। वह संगठन के लिए धन जुटाने का भी काम करता है। हमें पता चला है कि कुछ दिन पहले देव प्रकाश से कुछ राजनीतिक दलों ने संपर्क किया था। इस बात की जांच की जा रही है कि क्या राजनीतिक दलों ने राजनीतिक या निहित स्वार्थ के लिए धन मुहैया कराया था। देव प्रकाश के बैंक खातों, चल-अचल संपत्तियों के साथ-साथ धन के लेन-देन की भी जांच की जा रही है। इस संबंध में विभिन्न एजेंसियों की भी मदद ली जाएगी। अगर किसी राजनीतिक दल की संलिप्तता पाई जाती है तो कड़ी कारर्वाई की जाएगी। गौरतलब है कि राम लड़ैत यादव, उपेंद्र सिंह यादव, नेक सिंह, मंजू यादव, मुकेश कुमार और मंजू देवी के रूप में पहचाने गए 6 लोगों को पुलिस ने 4 जुलाई को गिरफ्तार किया था।

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