Edited By Ramkesh,Updated: 23 Jun, 2023 05:53 PM

वर्ष 2017 में चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन कर, पुलिस की अनुमति लिए बिना जुलूस निकालने के मामले में पूर्व सांसद रामबक्स वर्मा और उनके बेटे आलोक वर्मा सहित 10 लोगों को एक एक साल की सजा सुनाई गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट धर्मवीर सिंह ने...
कन्नौज: वर्ष 2017 में चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन कर, पुलिस की अनुमति लिए बिना जुलूस निकालने के मामले में पूर्व सांसद रामबक्स वर्मा और उनके बेटे आलोक वर्मा सहित 10 लोगों को एक एक साल की सजा सुनाई गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट धर्मवीर सिंह ने बृहस्पतिवार को अपने फैसले में सभी दोषियों पर तीन तीन हजार का जुर्माना भी लगाया है। रामबख्श वर्मा भाजपा से 1994 से 2006 तक लगातार दो बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं। पूर्व में उन्होंने 1977 में जनता पार्टी के टिकट से और 1989 में जनता दल के टिकट पर उमर्दा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी।
आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर तिर्वा कोतवाली के तत्कालीन उप निरीक्षक विनोद यादव ने 25 जनवरी 2017 को वर्मा तथा अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जुलूस के दौरान वर्मा के समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई थी। फिलहाल वर्मा समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं।
दरअसल, शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी शस्त्रधारियों को संबंधित थाने में शस्त्र जमा करने का आदेश जारी किया जाता है। चुनाव की घोषणा के साथ होने पर चुनाव आयोग क्षेत्र में धारा 144 लागू कर देती है। इस दौरान किसी भी पार्टी को या व्यक्ति को सार्वजनिक सभाओं, रैली, जुलूस में करने की अनुमति होती है। कोई भी पार्टी या व्यक्ति इसके खिलाफ काम करता है तो उसके खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन माना जाता है।