Edited By Pooja Gill,Updated: 16 Jul, 2023 01:52 PM

Prayagraj News: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सप्ताह से लगातार हो रही बारिश ने तबाही मचाई हुई है। बारिश की वजह से नदियां उफान पर है। गंगा और यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 11 सेंटीमीटर और छतनाग...
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सप्ताह से लगातार हो रही बारिश ने तबाही मचाई हुई है। बारिश की वजह से नदियां उफान पर है। गंगा और यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 11 सेंटीमीटर और छतनाग में 24 सेंटीमीटर, जबकि नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 29 सेंटीमीटर बढ़ा है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है। इसे देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट हो गया है और जल पुलिस और गोताखोर तैनात किए गए है।

बता दें कि मानसून आने के बाद उत्तर भारत से साथ यूपी में भी बारिश शुरू हो गई। कई राज्य में बाढ़ आने से तबाही मची हुई है। प्रदेश में भी नदियां उफनाई हुई है और कई इलाकों में बाढ़ का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है। प्रयागराज जिले में यमुना और गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। आज सुबह 8:00 बजे गंगा नदी का फाफामऊ में जलस्तर 78.31 और छतनाग में 74.9 मीटर दर्ज किया गया। जबकि सुबह 8:00 बजे यमुना नदी का जलस्तर 75.37 मीटर रिकॉर्ड किया गया. दोनों नदियों का डेंजर लेवल 84.734 मीटर है। बाढ़ कंट्रोल रूम से लगातार 24 घंटे गंगा यमुना नदियों के बढ़ते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। गंगा नदी में दो दिन पहले हरिद्वार बैराज से 97249 क्यूसेक, नरौरा डैम से 170574 क्यूसेक और कानपुर डैम से 106424 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी प्रयागराज पहुंचने पर गंगा और यमुना नदियां उफना गई।

नदियों का जलस्तर बढ़ता देख सरकार और प्रशासन अलर्ट हो गया। लोगों को गहरे पानी में न जाने के लिए चेतावनी दी। नाविकों को भी श्रद्धालुओं को लेकर गहरे पानी की ओर ना जाने के निर्देश दिए गए हैं। बिना लाइफ जैकेट से पानी में जाने पर नावों में पाबंदी लगाई गई है। श्रद्धालुओं को आता देखकर स्नान घाटों पर डीप वाटर बैरिकेटिंग के साथ ही जल पुलिस और गोताखोर तैनात किए गए है, ताकि अगर कोई घटना होती भी है तो गोताखोर तुरंत उन्हें बचा सकें। वहीं, पुलिस ने तीर्थ पुरोहित,घाटिए और दुकानदार भी सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए निर्देश दिए है। फिलहाल, नदियों का जलस्तर खतरे के स्तर से थोड़ा नीचे है, लेकिन फिर भी खतरा बना हुआ है।