Farrukhabad: बस स्टैंड और खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर लोग, अभी तक नहीं शुरू हुई रैन बसेरों की व्यवस्था

Edited By Pooja Gill,Updated: 30 Dec, 2022 09:32 AM

farrukhabad bus stand and people forced to spend

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) में सीएम योगी (CM Yogi) आदित्यनाथ का आदेश है कि ठंड से बचाने के लिए लोगों की मदद की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि लोगों को रैन बसेरों में रखा जाए...

फर्रुखाबाद (दिलीप कटियार): उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद (Farrukhabad) में सीएम योगी (CM Yogi) आदित्यनाथ का आदेश है कि ठंड से बचाने के लिए लोगों की मदद की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि लोगों को रैन बसेरों में रखा जाए, उनके लिए अलाव की व्यवस्था की जाए। लेकिन हकीकत क्या है ये खुद पीड़ितों से पूछिए। रात के अंधेरे में बर्फीली हवाओं के बीच जगह-जगह लोग खुले आसमान के नीचे लेटे दिखे। किसी ने दुकान के सामने बिस्तर लगा रखा तो कोई बस स्टॉप पर दिखाई दिया हैं।

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रैन बसेरों की अभी तक नहीं शुरू हुई व्यवस्था  
बता दें कि राज्य सरकार ने खुले में सोने वाले लोगों को ठंड से बचाने के लिए जिले में रैन बसेरे तैयार करने के लिए कहा था। ठंड का प्रकोप बढ़ने लगा है, जबकि रैन बसेरा अभी तक शुरू नहीं किया गया और जहां  रैन बसेरा शुरू किए गए है, वहां जानकारी के अभाव में लोग रुकने को तैयार नहीं हो रहे है। उन्हें सही जानकारी नहीं दी जा रही है। जिस कारण लोगों को रोडवेज बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, जिला अस्पताल आदि का आसरा लेना पड़ता हैं।

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सर्दी बढ़ने से बढ़ी लोगों की परेशानी
सरकार ने खुले में सोने वालों की सहायता के के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था करने को कहा था ताकि उन्हें छत मिले, लेकिन अभी तक यह व्यवस्था ही शुरू नहीं हो पाई है। सर्दी बढ़ने के साथ उन लोगों की परेशानी बढ़ गई है जो बेघर हैं और इधर-उधर समय काटते हैं। दिन में तो जैसे तैसे समय कट जाता है, लेकिन शाम को ठंड बढ़ने के साथ ही रात काटने की समस्या इनके सामने सिर उठाकर खड़ी होती है। हांलाकि, स्थानीय प्रशासन इनके रहने और रात बिताने के लिए रैन बसेरों में बेहतर व्यवस्था करने का दावा करता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। रात में मौके पर पड़ताल के दौरान रैन बसेरे में ठहरे लोगों की संख्या का पता किया गया।

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रैन बसेरों के बावजूद लोग हुए खुले में सोने को मजबूर
कर्मचारी ने बताया कि कुछ ही लोग हैं, जो रैन बसेरे में ठहरे हैं, लेकिन जब बाहर जाकर देखा गया तो फुटपाथ पर भी कुछ लोग सोने की तैयारी में थे। उनको रैन बसेरे में जगह न मिलने के बारे में पूछा गया तो बताया कि, रात में तो कई लोग फुटपाथ पर ही रात बिताते हैं। ऐसे में सवाल यह कि अगर बेसहारा और जरूरतमंदों को एंट्री ही नहीं है तो फिर रैन बसेरे क्यों और यह रैन बसेरे सरकार ने किसके लिए बनाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि गरीबों को हर संभव मदद रैन बसेरों में दिए जाएं, लेकिन फर्रुखाबाद  जिले में मजदूरों के रैन बसेरों में रुकने के लिए इतना सख्त नियम बनाया गया हैं कि वे मजबूर होकर खुले आसमान में ही सो रहे हैं। 

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