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संत प्रेमानंद से मिले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट, कह डाली हैरान करने वाली बात,  महाराज ने शालीनता से संभाला माहौल

Edited By Purnima Singh,Updated: 15 Feb, 2025 03:40 PM

encounter specialist met sant premanand

संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह अपनी व्यथा सुनाने के लिए पहुंचे। जहां एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने कहा कि महाराज मैं पुलिस में नौकरी करता हूं। थानाध्यक्ष के पद पर मेरठ में तैनात हूं। मैंने अब तक बहुत...

मेरठ (आदिल रहमान) : यूं तो आपने संतों के दरबार में आपने लोगों को अपनी व्यथा सुनाते हुए अक्सर देखा होगा। जहां लोग संतों के दरबार में अपनी व्यथा संतो को बताते हैं और संत उन परेशानियों से निकलने का इलाज लोगों को बताते हैं। साथ ही साथ इस बात को भी कहा जाता है कि जीवन में अगर कोई परेशानी आती है तो संत उस परेशानी से निजात पाने का तरीका भी बताते हैं। 

एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह अपनी व्यथा सुनाने के लिए पहुंचे। जहां एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने कहा कि महाराज मैं पुलिस में नौकरी करता हूं। थानाध्यक्ष के पद पर मेरठ में तैनात हूं। मैंने अब तक बहुत एनकाउंटर किए। बदमाशों से मुठभेड़ के दौरान मेरे सीने में गोली लगी। मेरी मौत का समाचार भी जारी हो गया था। प्रभु की कृपा से बच गया। अब मेरा मन विचलित रहता है। पश्चाताप क्या होगा। ये वो अल्फाज है जो मेरठ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह ने संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में कहे हैं। 

उत्तर प्रदेश पुलिस में एसएसआई के पद पर मेरठ में तैनात एनकाउंटर स्पेशलिस्ट मुनेश सिंह अपने परिवार के साथ बीती 10 फरवरी को मथुरा पहुंचे थे। जहां उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज के दरबार में इस बात की व्यथा रखी की वो 32 साल से इस नौकरी में हैं। मगर अब मन अशांत है। इस दौरान संत प्रेमानंद महाराज ने एसएसआई मुनेश सिंह से कहा कि थोड़ा समय निकालकर भगवान के चरणों में दें। प्रार्थना करें , हमारी सेवाओं में जो चूक हुई है वो क्षमा हो जाए। पाप मिले हैं, वो दूर हो जाएं। 

सिपाही के पद से पुलिस में भर्ती हुए मुनेश सिंह 
बता दें कि एसएसआई मुनेश सिंह आगरा के छाता इलाके के रहने वाले हैं और उनके दो बच्चे भी हैं। एसएसआई मुनेश सिंह जी की पत्नी बच्चों के साथ गाजियाबाद में रहती हैं और मुनेश सिंह डेढ़ साल से मेरठ में तैनात हैं। मुनेश सिंह यूं तो सिपाही के पद से पुलिस में भर्ती हुए और फिर 2016 में दारोगा बने। मेरठ में तैनाती से पहले वो गाजियाबाद में तैनात थे और बीती 23 जनवरी 2024 को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन, रात के समय वो मेरठ में गश्त कर रहे थे कि इसी दौरान बदमाश कार चोरी कर भाग रहे थे कि तभी उनकी मुठभेड़ बदमाशों से हुई। 

बदमाश राकेश दुजाना का एनकाउंटर करने वाली टीम में शामिल थे SSI
इस मुठभेड़ के दौरान बदमाशों की एक गोली मुनेश सिंह के सीने के पार हो गई थी और उन्हें आनन फानन में इलाज के लिए गाजियाबाद के कौशांबी स्थित मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां 11 दिन तक उनका इलाज चला जिसके बाद मौत को मात देकर मुनेश सिंह वापस लौट आए। एसएसआई मुनेश सिंह की बात की जाए तो वो गाजियाबाद में बदमाश राकेश दुजाना का एनकाउंटर करने वाली टीम में भी शामिल रहे थे और इसीलिए उन्हें 26 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति वीरता पदक से भी सम्मानित किया गया था। एसएसआई मुनेश सिंह ने अब तक 25 से ज्यादा एनकाउंटरों को अंजाम दिया है। 

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