Edited By Anil Kapoor,Updated: 09 Oct, 2023 10:34 AM

Lucknow News: बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को पार्टी के संस्थापक कांशीराम को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने 'बहुजन समाज' को गुलामी से बाहर लाने और अपने लोगों को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करने के लिए अपना सब...
Lucknow News: बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को पार्टी के संस्थापक कांशीराम को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने 'बहुजन समाज' को गुलामी से बाहर लाने और अपने लोगों को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करने के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। एक्स पर हिंदी में पोस्ट करते हुए मायावती ने कहा कि यह कांशी राम के संघर्ष के कारण था कि बसपा उत्तर प्रदेश में चार बार सत्ता में आई। बसपा प्रमुख ने कहा कि आदरणीय कांशीराम जी को आज उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि, (जिन्होंने) बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के स्वाभिमान आंदोलन को जीवित रखा। उन्होंने 'बहुजन समाज' को गुलामी से बाहर लाने के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। उन्होंने कहा, उनके संघर्ष के कारण उत्तर प्रदेश में बसपा की चार बार सरकार बनी और सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति की मजबूत नींव रखी गई।
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'देश भर में बसपा के लोग "बहुजन नायक" को याद करते हैं और पार्टी कांशीराम के मिशन को पूरा करेगी'
उन्होंने कहा कि देश भर में बसपा के लोग "बहुजन नायक" को याद करते हैं और पार्टी कांशीराम के मिशन को पूरा करेगी, जिसके लिए संघर्ष जारी है। 15 मार्च 1934 को पंजाब के रूपनगर में जन्मे कांशीराम ने पिछड़े वर्गों के उत्थान और राजनीतिक एकजुटता के लिए काम किया। उन्होंने 1971 में दलित शोषित समाज संघर्ष समिति (डीएस-4), अखिल भारतीय पिछड़ा (एससी/एसटी/ओबीसी) और अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारी महासंघ (बीएएमसीईएफ) और 1984 में बीएसपी की स्थापना की। 9 अक्टूबर 2006 को दिल्ली में उनका निधन हो गया। कांशीराम 1996 से 1998 तक पंजाब के होशियारपुर से और 1991 से 1996 तक उत्तर प्रदेश के इटावा से लोकसभा सांसद रहे। वह 1998 से 2004 तक राज्यसभा सदस्य भी रहे।