Edited By Pooja Gill,Updated: 28 Apr, 2023 01:19 PM

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में बना डा. भीमराव अंबेडकर जिला अस्पताल हमेशा चर्चाओं में रहा है। जहां पर कभी मरीजों ने जिला अस्पताल के सरकारी डॉक्टरों पर रुपए लेकर इलाज करने की शिकायत की तो कभी प्राइवेट एंबुलेंस चालकों के द्वारा जिला अस्पताल...
इटावा (अरवीन कुमार): उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में बना डा. भीमराव अंबेडकर जिला अस्पताल हमेशा चर्चाओं में रहा है। जहां पर कभी मरीजों ने जिला अस्पताल के सरकारी डॉक्टरों पर रुपए लेकर इलाज करने की शिकायत की तो कभी प्राइवेट एंबुलेंस चालकों के द्वारा जिला अस्पताल में घुस कर मरीजों को जबरन प्राइवेट हॉस्पिटल तक ले जाने की बात कही गई। लेकिन इस बार जिला अस्पताल से एक और नया मामला सामने आ गया। जिसमें मरीज के तीमारदारों पर जबरन बाहर से दवा लाने का दबाव बनाया गया। इसको लेकर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सख्त रुख अपनाया और उन्होंने सीएमएस को कार्रवाई करते हुए 4 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी।

बता दें कि, डा. भीमराव अंबेडकर जिला अस्पताल में उस समय सरकारी डॉक्टरों में हड़कंप मच गया। जब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अपने ट्विटर अकाउंट से जिला अस्पताल के सीएमएस को एक ट्वीट किया और उन्हें जिला अस्पताल से तीमारदारों पर बिचौलियों के माध्यम से दवा खरीदने हेतु दबाव बनाए जाने के संबंध में मामले को संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए। डिप्टी सीएम ने कहा कि, 4 दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार की जाए और जिन्होंने तीमारदारों को बाहर से दवा लेने के लिए कहा था, उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर इटावा जिला अस्पताल से जानकारी मांगी गई। जिसके बाद सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया। वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गीता राम ने पूरे मामले की जानकारी दी और बताया कि, डिप्टी सीएम के द्वारा एक ट्वीट कर पूरी जानकारी मांगी गई है। जिसको लेकर सीएमएस एमएम आर्या को पूरे मामले को लेकर जानकारी दे दी गई है और पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।