फार्च्यून अस्पताल के डॉक्टर्स ने ईमानदारी के पेशे को किया कलंकित, बिना ऑप्रेशन के वसूल ली हजारों की रकम

Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 Jan, 2021 04:22 PM

doctors at fortune hospital tainted the profession of honesty

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। जहां एक डॉक्टर ने ईमानदारी के पेशे को कलंकित कर दिया। जानकारी मुताबिक कानपुर शहर के काकादेव इलाके में रहने वाली नसीमा बानो....

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में पढ़कर आप हैरान रह जाएंगे। जहां एक डॉक्टर ने ईमानदारी के पेशे को कलंकित कर दिया। जानकारी मुताबिक कानपुर शहर के काकादेव इलाके में रहने वाली नसीमा बानो को काफी दिनों से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। धीरे-धीरे तकलीफ बढ़ती गई और साथ ही असहनीय दर्द ने नसीमा का जीना हराम कर दिया।

बताया जा रहा है कि आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने की वजह से नसीमा शुरु में तो घरेलू इलाज करती रही, लेकिन जब परेशानी बहुत बढ़ गई तो वह डॉक्टर की सलाह लेने पर मजबूर हो गई। नसीमा का सिटी स्कैन और पीएनएस टेस्ट हुआ तो पता चला कि उसे साइनस की समस्या है और यह परेशानी इतनी बढ़ गई है कि निजात पाने के लिए तुरन्त ऑप्रेशन कराने की सलाह दी गई।

इसके बाद साइनस की समस्या से जूझ रही नसीमा ऑप्रेशन कराने को तैयार हो गई तो उसके पति ने कानपुर के ही शारदा नगर फार्चयून अस्पताल में उसे 10 दिसंबर को भर्ती कर दिया। जहां डॉक्टर मधुकर वशिष्ठ की देख रेख में नसीमा का इलाज होने लगा। बस यहीं से नसीमा की परेशानी खत्म होने के बजाए बढ़ने लगी। फार्च्यून अस्पताल में नसीमा का ऑप्रेशन करके उसे बीती 14 दिसम्बर 2020 को अस्पताल से डिसचार्ज कर दिया गया।

नसीमा और उसका परिवार खुश था कि अब उसे तकलीफ से निजात मिल चुकी है। लेकिन नसीमा की खुशी ज्यादा दिन तक नहीं टिक सकी। एक दिन अचानक फिर से दर्द हुआ तो डॉक्टर से संपर्क किया गया। फिर क्या था फार्च्यून का स्टॉफ नसीमा की बीमारी की जलेबी बनाने लगा। उन्होंने पहले तो उसे बताया कि ऑप्रेशन के बाद ऐसा होता है और 2-4 दिन में आराम होने का आश्वासन दिया गया। लेकिन जब मसीमा की हालत नहीं सुधरी तो धरती पर भगवान् का रूप कहे जाने वाले डॉक्टर कन्नी काटने लगे। इधर नसीमा समझ नहीं पा रही थी कि ऑप्रेशन के नाम पर फार्च्यून अस्पताल को लगभग 85000 रुपया देकर वो ठगी जा चुकी है।

बता दें कि फार्च्यून अस्पताल से मदद न मिलने पर जब नसीमा ने दूसरे डॉक्टर्स से सम्पर्क कर दोबारा टेस्ट कराया तो उसे एक जोर का झटका लगा। नसीमा के टेस्ट में पता चला कि उसका ऑप्रेशन नहीं किया गया है बल्कि उसे बेबकूफ बनाकर हजारों रुपयों की ठगी की गई है। वहीं फार्च्यून अस्पताल की  इस करतूत की शिकायत लेकर पीड़िता जिला अधिकारी,सीएमओ और सीएम के यहां अपनी शिकायत दर्ज करा चुकी है।

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