Edited By Harman Kaur,Updated: 21 May, 2023 04:37 PM

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती (Mayawati News) ने रविवार को कहा कि जुमलेबाजी और धर्म की राजनीति से जनता उकता चुकी है, जिससे निकट भविष्य में देश की राजनीति करवट ले सकती है....
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती (Mayawati News) ने रविवार को कहा कि जुमलेबाजी और धर्म की राजनीति से जनता उकता चुकी है, जिससे निकट भविष्य में देश की राजनीति करवट ले सकती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के चुनावी वादे, वादाखिलाफी, विषैले भाषणों के अलावा धर्म का राजनीतिक स्वार्थ के लिए अत्याधिक और अनुचित इस्तेमाल लोगों को रास नहीं आ रहा है। बता दें कि मायावती ने रविवार को दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में पार्टी संगठन के कार्यकलापों की समीक्षा की और इसी दौरान उन्होंने ये बातें कही।

मायावती ने कहा कि लोगों की जागरुकता से आने वाले समय में देश की राजनीति के करवट बदलने की संभावना है। देश के विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित क्षेत्रों में गरीबों, मजदूरों, उपेक्षितों-शोषितों के जीवन में आपेक्षित बेहतरी की बजाय उनके हालात बदतर होते जा रहे हैं जो चिंता का विषय है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि वास्तव में करोड़ों गरीबों, मेहनतकशों और उपेक्षितों के अपेक्षित विकास तथा तरक्की को लेकर सरकारों की नीयत व नीति सही व ईमानदार नहीं होने के कारण इनके हालात नहीं सुधर रहे हैं जो बहुप्रचारित विकास के सरकारी दावे की पोल खोलता है। साथ ही, रिजर्व सरकारी नौकरी में बैकलॉग तथा आरक्षण को निष्क्रिय और निष्प्रभावी बना दिये जाने से एससी, एसटी तथा ओबीसी वर्ग के परिवार चिंतन एवं उद्वेलित है।
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मायावती ने दिल्ली सरकार पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार में आपसी अविश्वास, असहयोग तथा टकराव से आम जनहित प्रभावित हो रहे है। जबकि दिल्ली को आपसी सहयोग से विकास, जनहित एवं जनकल्याण की बेहतरीन मिसाल होना चाहिए। दोनों सरकारों के बीच अन्तहीन टकराव दु:खद एवं चिंता का विषय है। जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक हालात की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि पर्वतीय प्रदेश में भी पार्टी के लोग अपनी तैयारी पूरी रखें क्योंकि और अधिक समय तक चुनाव टालने के बजाय वहां विधानसभा का आमचुनाव कभी भी संभव हो सकता है।

वहीं हिमाचल प्रदेश में भी बसपा को अपनी तमाम कमियों को दूर करके आगे बढ़ना जरूरी हो गया है। झारखंड में पार्टी में यंग ब्लड को जोड़कर आगे बढ़ने की रणनीति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश या राज्यों में चाहे किसी भी पाटर्ी की सरकार हो, खासकर करोड़ों एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक समाज के लोगों को न्याय तथा बराबरी के उनके संवैधानिक हक से वंचित रखना तथा शिक्षा एवं सरकारी नौकरी में आरक्षण के जरिये उनका जीवन थोड़ा संतृप्त करने के मामले में उनकी उपेक्षा से लोगों में बेचैनी है। जो उनकी चिन्ताओं को और गंभीर बना रही है।