Edited By Ajay kumar,Updated: 12 Jul, 2024 06:25 PM
ऑनलाइन हाजिरी को लेकर प्रदेशभर के शिक्षक आंदोलनरत हैं। राज्य के विभिन्न शिक्षक संगठन सरकार के इस फरमान का विरोध कर रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ की अगुवाई में शिक्षकों ने गुरूवार को ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के...
लखनऊः ऑनलाइन हाजिरी को लेकर प्रदेशभर के शिक्षक आंदोलनरत हैं। राज्य के विभिन्न शिक्षक संगठन सरकार के इस फरमान का विरोध कर रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ की अगुवाई में शिक्षकों ने गुरूवार को ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम संबंधित ज्ञापन भेजा है। पत्र के माध्यम से शिक्षकों ने इसे स्थगित करने की मांग की है। इस मामले में अब शिक्षकों को पालिटिकल पार्टियों का साथ मिल गया है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने आज डिजिटल हाजिरी समेत शिक्षकों, छात्रों और विद्यालयों की तमाम समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखा। उन्होंने लिखा कि इतने संवेदनशील मुद्दे पर सरकार को शिक्षकों से बात करके ही किसी निर्णय पर पहुंचना चाहिए था। इस तरह के तुगलकी फरमान लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करते हैं।
महिला शिक्षिकाओं के लिए मूल व्यवस्थाएं भी उपलब्ध नहीं
अजय राय ने कहा कि प्रदेश के सभी विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मियों के बहुत सारे स्वीकृत पद खाली पड़े हैं, इसलिए कार्यरत अध्यापकों पर उनके दायित्वों के अतिरिक्त कार्य के संपादन का भार है। इतना ही नहीं शिक्षण कार्य के अलावा शिक्षकों से तमाम ऐसे कार्य कराए जाते हैं, जो उनके दायित्व में नहीं आते हैं। नतीजा जो शिक्षकों का मूल कार्य है, उसके लिए उनके पास समय नहीं बचता। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी टूटे हुए भवन, टूटी कुर्सियां, मेज पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं शिक्षकों के लिए भी और खास तौर पर महिला शिक्षिकाओं के लिए मूल व्यवस्थाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। कई विद्यालयों में शौचालय तक नहीं है, जिसकी वजह से महिला शिक्षिकाओं को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
शिक्षकों को नदी-नालों को पार करके जाना पड़ता है स्कूल
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा अधिकतर विद्यालय दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में हैं, जहां समय से पहुंचना बहुत दुष्कर है। कहीं नदी नालों को पार करके जाना है तो कहीं सड़कें टूटी हुई हैं, कच्चे रास्तों से जाना है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि संवेदनशील विषय पर सुविचारित व्यवस्था लागू होने से पहले इस आदेश के क्रियावयन को तत्कालिक प्रभाव के लिए स्थगित कर दें। बता दें कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों को 8 जुलाई से ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है।