प्रयागराज में सुरों का संगम: साईं ब्रदर्स ने बिखेरा जलवा,  लोक नृत्यायों ने भी दर्शकों का मोहा मन

Edited By Mamta Yadav,Updated: 08 Dec, 2024 09:07 PM

confluence of music in prayagraj sai brothers spread their magic

संगम नगरी प्रयागराज में सुरों का संगम देखने को मिला है। कभी अंदाज फिल्मी था तो कभी सूफियाना था। हर कोई सुरों की सरिता में गोता लगाने को बेताब था। मौका था उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय...

Prayagraj News, (सैय्यद आकिब रजा): संगम नगरी प्रयागराज में सुरों का संगम देखने को मिला है। कभी अंदाज फिल्मी था तो कभी सूफियाना था। हर कोई सुरों की सरिता में गोता लगाने को बेताब था। मौका था उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिल्प मेले के तहत रविवार को गीत, संगीत से सजे भव्य मुक्ताकाशी मंच बंदा बैरागी तथा साईं ब्रदर्स के नाम रही उन्होंने एक बढ़कर एक सूफियाना अंदाज में गीतों की लड़ी पेश कर श्रोताओं को खूब झुमाया। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने मां गंगा की धरती प्रयाग को नमन करते हुए अपने कार्यक्रम की शुरुआत की।

कागज के दो पंख लीजिए... जैसे गानों से श्रोताओं में उत्साह
बता दें कि बंदा बैरागी ने अपने बैंड के साथ जबरदस्त परफॉर्मेंस दी। शुरुआत उन्होंने ' जो सुख पायो राम भजन में मन लागा मेरो यार फकीरी में...' सूफी सॉन्ग से की। उन्होंने सूफी में ही 'उड़ जाएगी फुरफुर मैना', ' मेरी जोगिया...' 'कागज के दो पंख लीजिए जैसे गानों को पेश करके श्रोताओं में उत्साह भर दिया। इसके बाद श्रोताओं की डिमांड पर नमो नमो आदि देवा... की तान जब शुरू की तो मुक्ताकाशीय मंच के चारों तरफ जमी श्रोताओं की भीड़ मंत्रमुग्ध सी नजर आई। कार्यक्रम की इस कड़ी में प्रयागराज के उभरते नवोदित सिंगर असित साईं ब्रदर्स ने सिंथसाइजर की धुन पर मनमोहक निर्गुण भजन की प्रस्तुति दी। उन्होंन युगल जोड़ी में क्या लेकर आया बंदा क्या लेकर जाएगा.., भजन राम नाम अति सुखदाई भजो रे मेरे भाई, यह जीवन दो दिन का भजन रे मन हरि सुमिरन करले तथा तन के तंबूरे में सांसों के दो तार बोलो जय सियाराम की प्रस्तुति देकर श्रोताओं का मन मोह लिया।

लोकनृत्यों के साथ दर्शकों ने मिलाया ताल- खचाखच भरा पंडाल
ढोल मंजीरे और रंग बिरंगे परिधानों में सजे कलाकार अपने मनमोहक नृत्यों से सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे थे। विभिन्न राज्यों की संस्कृति को एक मंच पर कलाकारों ने नृत्यों के जरिए दर्शकों के समक्ष पेश किया। तेलंगाना से आए टी श्रीधर ने माधुरी एवं बोनालू नृत्य की  म.प्र. से आए कैलाश सिसोदिया एवं दल ने भगोरिया नृत्य की पं बंगाल से आए बाबलू हाजरा एवं दल द्वारा रायबेन्शे नृत्य की गंगा देवी और साथी कलाकारों ने तेराताली नृत्य की जटाशंकर एवं दल ने चौलर नृत्य की तथा लखनऊ के पूजा कला केंद्र द्वारा भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति दी गयी। कार्यक्रम का संचालन शरद मिश्रा ने किया।

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