Edited By Anil Kapoor,Updated: 20 Feb, 2025 06:58 AM
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि इस घटना के किसी भी दोषी को, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि इस घटना के किसी भी दोषी को, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा। योगी ने कहा कि उनकी सरकार महाकुंभ भगदड़ और प्रयागराज यात्रा के दौरान सड़क हादसों में मारे गए श्रद्धालुओं के परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद करेगी।
'महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग का किया गया गठन'
मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया है और मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि प्रयागराज भगदड़ में जो भी दोषी है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए योगी ने खासतौर पर समाजवादी पार्टी (सपा) को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, "आज के समाजवादियों के बारे में यह कहा जाता है कि जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं।
विपक्ष महाकुंभ के आयोजन को लेकर कर रहा दुष्प्रचार
महाकुंभ पर विपक्ष द्वारा उठाए गए आरोपों को नकारते हुए योगी ने कहा कि विपक्ष महाकुंभ के आयोजन को लेकर दुष्प्रचार कर रहा है, जबकि यह आयोजन सनातन संस्कृति का गौरव है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विधानसभा में शून्य काल के दौरान, सपा के सदस्यों ने महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा कराने की मांग की। सपा के नेता डॉ. आर के वर्मा ने आरोप लगाया कि महाकुंभ में भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान गई, लेकिन सरकार ने केवल 30 मौतों का आंकड़ा जारी किया, जो अन्य श्रद्धालुओं के परिवारों के लिए अन्याय है।
29 जनवरी को हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई और 60 से ज्यादा लोग घायल
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि 29 जनवरी को हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए। इसके अलावा, महाकुंभ के दौरान स्नान के लिए आने और जाने के दौरान सड़क हादसों में भी कई लोग मारे गए। उन्होंने कहा, "हम शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी। योगी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि 1954, 1974 और 1986 के कुम्भ आयोजनों में भी भगदड़ और दुर्घटनाएं हुई थीं। उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने सुरक्षा और व्यवस्था को प्राथमिकता दी और श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए यातायात और भीड़ नियंत्रण में सफलता प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 2013 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब महाकुंभ में कई अव्यवस्थाएं थीं, लेकिन 2025 के महाकुंभ में सभी व्यवस्थाएं सही थीं। उन्होंने विपक्षी दलों को यह याद दिलाया कि 2013 में कुंभ के दौरान कई जगहों पर भगदड़ और दुर्घटनाएं हुई थीं, लेकिन इस बार प्रशासन ने बेहतर व्यवस्था की है। योगी ने कहा कि इस महाकुंभ में 56 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में डुबकी लगा चुके हैं। अगर यह आयोजन केवल कुछ विशिष्ट लोगों के लिए होता, तो क्या इतने लोग इसमें शामिल हो पाते?"
'यह आयोजन किसी एक पार्टी का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन'
सपा और कांग्रेस के नेताओं द्वारा महाकुंभ के आयोजन पर की गई टिप्पणियों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन किसी एक पार्टी का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन है और सरकार ने इसे सफल बनाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाई है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे महाकुंभ के आयोजन की भव्यता पर सवाल उठाते हैं और समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का गौरव है और इसे भव्य रूप से मनाया जाएगा।
'कुछ लोग महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे'
योगी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन को राजनीतिक लाभ के लिए बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष महाकुंभ के आयोजन में अव्यवस्था की बात कर रहा है, लेकिन 2025 का महाकुंभ पहले के आयोजनों की तुलना में बहुत बेहतर तरीके से आयोजित किया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध भी विपक्ष ने किया था, लेकिन अब वे वहां पहुंचकर व्यवस्था की तारीफ कर रहे हैं। योगी ने अंत में कहा, "सनातन धर्म भारत की आत्मा है और इसे सम्मान देना हर नागरिक का कर्तव्य है। हमारी सरकार इस परंपरा को भव्यता देने के लिए कृतसंकल्प है।