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नेता प्रतिपक्ष की टिप्पणी पर भड़के CM योगी, कहा- 'विपक्षी नेता उर्दू की वकालत करते और अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में भेजते'

Edited By Anil Kapoor,Updated: 18 Feb, 2025 03:02 PM

cm yogi got angry at the comment of the leader of opposition

Lucknow News: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सदन की कार्यवाही में क्षेत्रीय भाषाओं जैसे भोजपुरी, अवधी, ब्रज,...

Lucknow News: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सदन की कार्यवाही में क्षेत्रीय भाषाओं जैसे भोजपुरी, अवधी, ब्रज, बुंदेलखंडी और अंग्रेजी का उपयोग करने पर विरोध जताया। मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पर भड़क गए और उन्होंने तीखा जवाब दिया। सीएम योगी ने कहा कि आप लोग अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाते हैं, और फिर आप चाहते हैं कि आम लोगों के बच्चों को उर्दू पढ़ाकर देश को कट्टरपंथी बना दिया जाए। यह बिल्कुल नहीं चलेगा।

दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि कोई भी सदस्य अपनी भाषाई पसंद के अनुसार सदन में बोल सकता है। इस पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि वे अंग्रेजी के उपयोग का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को ठीक है, लेकिन अंग्रेजी का हम विरोध करते हैं। अगर अंग्रेजी में भाषण हो सकता है, तो उर्दू में क्यों नहीं?" पांडेय ने यह भी कहा कि वे इसे बहुमत से पास कराने का विरोध करेंगे।

CM योगी ने किया तीखा पलटवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर तीखा पलटवार किया और कहा कि हमारी सरकार में भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी जैसी क्षेत्रीय भाषाओं को सम्मान मिल रहा है, क्योंकि ये सभी हिंदी की बेटियां हैं। हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन विपक्ष का काम हमेशा विरोध करना होता है।" सीएम योगी ने कहा कि विधानसभा में सदस्य समाज के विभिन्न वर्गों से आते हैं, और इसलिए हर व्यक्ति की आवाज़ सुनी जानी चाहिए।

'आप हिंदी और भोजपुरी में बोलने का विरोध कर रहे हैं, लेकिन उर्दू की वकालत कर रहे'
उन्होंने यह भी कहा कि यह अजीब है कि आप हिंदी और भोजपुरी में बोलने का विरोध कर रहे हैं, लेकिन उर्दू की वकालत कर रहे हैं। समाजवादियों का चरित्र ही दोहरा हो गया है। वे अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल भेजेंगे, लेकिन आम लोगों के बच्चों को उन्हीं स्कूलों में भेजेंगे, जहां सुविधाओं का अभाव हो। सीएम योगी ने आगे कहा कि मैं कहता हूं, 'जाकी रही भावना जैसी, प्रभु सूरत तीन देखि वैसी'। समाजवादी नेता अपनी नीति और विचारधारा के हिसाब से ही काम कर रहे हैं।

'समाजवादियों के इस दोगलेपन को देश के सामने उजागर किया जाना चाहिए'
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि उनकी सरकार इन क्षेत्रीय भाषाओं के लिए अकादमियों का गठन कर रही है, और जब इन भाषाओं को सम्मान मिल रहा है, तो विपक्ष उसका विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा, "आप हर अच्छे काम का विरोध करते हैं। यही ढोंग है आपकी राजनीति का। आप अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाएंगे, लेकिन दूसरे बच्चों के लिए उर्दू पढ़ाने की बात करेंगे। आप बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं और देश को कट्टरपंथ की ओर ले जाना चाहते हैं। सीएम योगी ने यह भी कहा कि समाजवादियों के इस दोगले रवैये को देश के सामने उजागर किया जाना चाहिए।

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