Edited By Harman Kaur,Updated: 26 Jun, 2023 04:32 PM

Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हर नागरिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में जल जीवन मिशन और नमामि गंगे परियोजना की प्रगति की समीक्षा की.....
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हर नागरिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में जल जीवन मिशन और नमामि गंगे परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को हर घर तक नल से जल पहुंचाने के प्रयासों को तेज करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश :-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 98,445 गांवों में से 91,919 गांवों में काम जारी है। सभी गांवों में समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण कराएं। जिन 6800 गांवों के लिए डीपीआर तैयार है, उनकी SLSSC की स्वीकृति की प्रक्रिया प्रत्येक दशा में यथाशीघ्र पूरी कर ली जाए। गांवों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाए। यह देश के लिए जल संचय का एक अच्छा मॉडल बन सकता है।
-विंध्य-बुन्देलखण्ड में पाइप्ड पेयजल के लिए बिजली कनेक्शन में अनावश्यक देरी न की जाए। नमामि गंगे विभाग और ऊर्जा विभाग परस्पर समन्वय के साथ इस काम को समय से पूरा कराएं। बुंदेलखंड में जलापूर्ति में जलाशयों की बड़ी भूमिका है। इनमें सिल्ट की समस्या है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जलाशयों को डी-सिल्ट करने की कार्यवाही की जाए।
- जल जीवन मिशन से 100% संतृप्त गांवों का पारदर्शिता के साथ सत्यापन होना चाहिए। अगर एक भी उपभोक्ता असंतुष्ट है तो उनकी अपेक्षाओं को पूरा किया जाए। हमें स्थलीय निरीक्षण की व्यवस्था को और मजबूत करना होगा। कार्यपद्धति में पूरी शुचिता और पारदर्शिता होनी चाहिए। जलापूर्ति के साथ-साथ जल की अच्छी गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण है।
- आर्सेनिक, फ्लोराइड, खारापन, नाइट्रेट, आयरन आदि के कारण गुणवत्ता प्रभावित जल वाले क्षेत्रों के सुधार के लिए जल जीवन मिशन अंतर्गत विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इन क्षेत्रों में कार्य तेज किए जाने की जरूरत है।

- अविरल-निर्मल माँ गंगा के संकल्प के साथ गंगा एवं सहायक नदियों की स्वच्छता के लिए मिशन मोड में जारी नमामि गंगे परियोजना के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। प्रदेश में गंगा नदी के प्रवाह के कुल 1027 किलोमीटर में 27 गंगा जनपद और 37 गंगा टॉउन हैं। पूर्व में कन्नौज से वाराणसी तक 550 किमी का एक प्रदूषित खंड था जो गुणवत्ता में प्रॉयोरिटी 04 में आता था। उक्त प्रदूषित खंड की जल गुणवत्ता में सुधार होने के कारण नवम्बर 2022 से प्रॉयोरिटी 5 में आ गया है। अब हमें फर्रुखाबाद से प्रयागराज और मिर्जापुर से गाजीपुर खंड पर विशेष ध्यान देना होगा।
- वाराणसी में उ.प्र. जल निगम (नगरीय) द्वारा अंडर यूटिलाइज्ड 120 एमएलडी गोइठा एस.टी.पी. की उपयोग क्षमता में वृद्धि की जाए। अस्सी नाला ओवरफ्लो को टैप करने के लिए स्वीकृत 55 एमएलडी क्षमता के एसटीपी योजना को यथाशीघ्र पूरा कराया जाए। इसी प्रकार, वाराणसी में 01 नॉन कम्प्लाएन्ट एसटीपी के अपग्रेडेशन का रेलवे के सहयोग से समयबद्ध ढंग से पूरा कराएं।
- कानपुर में उप्र जल निगम (नगरीय) के अधीन बनियापुर एसटीपी को चालू कराया जाए। नॉन कम्प्लान्ट 04 नग एसटीपी को तत्काल क्रियाशील कराएं। इसी प्रकार, जाजमऊ स्थित टैनरी उत्प्रवाह के शोधन हेतु 36 एमएलडी क्षमता के सीईटीपी की दक्षता में सुधार किया जाना अपेक्षित है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा टैनरी एवं अन्य औद्योगिक उत्प्रवाह के संबंध में सघन अनुश्रवण करते हुए उत्सर्जित उत्प्रवाह के मानक का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए।
- प्रदेश में स्थापित सभी एसटीपी को क्रियाशील रखें। नॉन कंप्लाएन्ट अथवा अक्रियाशील एसटीपी को तत्काल चालू कराया जाए। नदियों की स्वच्छता बिना जन सहयोग से संभव नहीं है। लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाए। शव को नदियों में प्रवाहित करने के स्थान पर भू-समाधि देने के लिए प्रेरित किया जाए।