Edited By Ruby,Updated: 03 May, 2018 05:42 PM

केन्द्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री तथा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष राम विलास पासवान ने कहा कि केन्द्र सरकार दलितों के अधिकार और उनके हितों के लिए काम रही है जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती उनकी विरोधी हैं। पासवान ने...
लखनऊः केन्द्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री तथा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष राम विलास पासवान ने कहा कि केन्द्र सरकार दलितों के अधिकार और उनके हितों के लिए काम रही है जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती उनकी विरोधी हैं।
केंद्र सरकार दलित हितों में कर रही काम
पासवान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दलितों के हितों के लिए अनेक योजनाएं बनाई हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सामाजित एवं आर्थिक सुधार के लिए विभिन्न कार्य योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दलितों एवं पिछड़ो के हितों के लिए केन्द्र सरकार संकल्पित है । उन्होंने कहा कि दलितों के साथ-साथ उच्च वर्ग के गरीबों के हितों को ध्यान में रखकर उन्हें भी 15 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 20 मार्च को उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित अत्याचार निवारण अधिनियम के सीआरपी में कुछ बदलाव किया जिसे लेकर भ्रम फैलाया गया और दो अप्रैल को कुछ दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था।
मायावती पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद पुर्नविचार याचिका दायर की जिसपर आज भी सुनवाई होनी है। पासवान ने कहा कि मोदी सरकार ने दलितों के हितों के लिए बनाये गये कानून को और मजबूत करने का काम किया है। वह किसी भी हालत में उनके कानून को कमजोर नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती दलित विरोधी हैं। चुनाव के समय उनके एजेंडे को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि वह दोहरा मापदण्ड अपनाती हैं। चुनाव के पहले कुछ कहती हैं और बाद में कुछ। मायावती ने दलितों को केवल वोट के रुप में इस्तेमाल किया और संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम का खूब इस्तेमाल किया।
मायावती दलितों को कर रही गुमराह
उन्होंने कहा कि मायावती ने दलितों को गुमराह करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सराकर दलित एक्ट को किसी भी हालत में कमजोर नहीं होने दगी अगर न्यायालय से राहत नहीं मिली तो केन्द्र सरकार अध्यादेश लाकर दलित एक्ट को मजबूत करने का काम करेगी। इसके अलावा अनुसूचित जाति और जनजाति के सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण तथा यूजीसी में प्रोफेसर भर्ती में आरक्षण लागू करने की दिशा में काम कर रही है।
जिन्ना नहीं अांबेडकर है महापुरुष
जिन्ना के सवाल पर पासवान ने कहा कि हम राष्ट्रपिता महात्मागांधी और संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अांबेडकर को ही महापुरुष मानते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए राष्ट्र पहले हैं। जो लोग जिन्ना को महापुरुष बताते है वही इसका जवाब देंगे।
अमित शाह दलित के घर खाना खाए तो राजनीति क्यों
केन्द्रीय मंत्री ने दलित के घर खाना खाने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जब दलित के घर खाना खाए तो राजनीति नहीं होती लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह दलित के घर खाना खाने जाते हैं तो इस पर राजनीति क्यों करते हैं । उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष दोहरा मापदण्ड अपनाते हैं। उन्हें कहा कि श्री गांधी को दूसरों की आलोचना का अधिकार नहीं है ।