Edited By Ajay kumar,Updated: 03 Dec, 2023 01:14 PM

सद में चार दिसम्बर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के पहले शनिवार को सर्वदलीय बैठक में बसपा प्रमुख मायावती ने, जातीय जनगणना के मुद्दे पर केन्द्र में सत्तासीन भाजपा को आड़े हाथ लिया। सोशल मीडिया एक्स के जरिए उन्होंने बताया कि
लखनऊ: संसद में चार दिसम्बर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के पहले शनिवार को सर्वदलीय बैठक में बसपा प्रमुख मायावती ने, जातीय जनगणना के मुद्दे पर केन्द्र में सत्तासीन भाजपा को आड़े हाथ लिया। सोशल मीडिया एक्स के जरिए उन्होंने बताया कि तमाम समस्याओं से जूझ रहे देशवासियों में जातीय जनगणना को लेकर काफी उत्सुकता है, जिसे देखकर भाजपा के नेताओं की नींद उड़ चुकी - हैं, वहीं कांग्रेस अपने पुराने अपराधों पर पर्दा डालने में जुटी है।

बसपा प्रमुख ने एक साथ दो ट्वीट किए, इनमें उन्होंने बताया कि सर्वदलीय बैठक में केन्द्र सरकार से बसपा ने जातीय जनगणना की पुनः मांग की है। स्पष्ट किया कि जातीय जनगणना कराना केवल पार्टी की मांग नहीं है बल्कि देश के कोने-कोने से इसकी मांग उठ रही है। इसलिए केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर अविलम्ब सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि देश की जनता महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी बदहाल सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था से परेशान है। वहीं जातिवादी शोषण- अत्याचार से पीड़ित है, बावजूद जातीय जनगणना कराने को लेकर उत्सुक हैं। जातीय जनगणना के प्रति जनमानस की उत्सुकता, को देखकर भाजपा के दिग्गज नेताओं की नींद उड़ी है, वहीं कॉग्रेस अपनी पुरानी छवि को बदलकर नए रूप में स्थापित करने की कसमकश में है।
लोकतंत्र में गिनती महत्वपूर्ण है: केशव प्रसाद
जातीय जनगणना की उठ रही मांग को लेकर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी सोशल मीडिया एक्स के जरिए जनमानस के मन-मस्तिष्क में संतुलन बनाने का प्रयास किया। शनिवार को ट्वीट में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में गणना की भूमिका महत्वपूर्ण है। जोकि मतगणना, जनगणना और जातीय जनगणना के स्वरूप में हो सकती है। इन गणनाओं से ही लोकतंत्र को मजबूती मिलती है, यानि लोकतंत्र का मतलब ही गणना है।