Edited By Ramkesh,Updated: 16 May, 2025 08:19 PM

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में कैनोपी लगाकर मोबाइल सिम कार्ड बेचने वालों के घर सीबीआई की टीम ने छापेमार कार्यवाही की है।सीबीआई की टीम ने करीब चार से पांच घंटे तक घर की तलाशी ली और घर वालों से भी की पूछताछ करी।सीबीआई के 5 अधिकारियों ने सिम कार्ड...
हाथरस (सूरज मार्य ): उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में कैनोपी लगाकर मोबाइल सिम कार्ड बेचने वालों के घर सीबीआई की टीम ने छापेमार कार्यवाही की है।सीबीआई की टीम ने करीब चार से पांच घंटे तक घर की तलाशी ली और घर वालों से भी की पूछताछ करी।सीबीआई के 5 अधिकारियों ने सिम कार्ड बेचने वाले राजीव सागर और मुकेश के घर छापेमार कार्यवाही करी।मुकेश सीबीआई टीम के हाथ नहीं लगा लेकिन राजीव सागर को सीबीआई ने उसके घर से पकड़ लिया और अपने साथ ले गई।
आरोपी BSC का है छात्र
आरोपी राजीव BSC 2 वर्ष का छात्र है राजीव पिछले कई सालों से सिम कार्ड बेचने के कारोबार में आया था राजीव के पड़ोसी मुकेश ने राजीव को सिम का काम सिखाया था और राजीव गांव गांव जाकर सिम कार्ड एक्टिवेट कर करने का काम करता था। जानकारी के अनुसार दिन शनिवार तारीख 10 मई की सुबह को सीबीआई की एक टीम ने राजीव के घर पर छापा मारा और घर पर करीब 5 घंटे की छानबीन कर सीबीआई टीम ने राजीव के घर से 2 मोबाइल फोन बरामद किए है और राजीव की एक स्कूटी बरामद कर अपने साथ ले गई।
कई कंपनियों के सिम कार्ड को पोर्ट करता है युवक
आपको बता दे हाथरस जिले की कोतवाली चन्दपा क्षेत्र के गांव मितई निवासी राजीव सागर और मुकेश कुमार दोनों जिले भर में कैनोपी लगाकर लोगों को अलग अलग कंपनियों के मोबाइल सिम कार्ड बेचते थे और सभी कंपनियों के सिम कार्ड को पोर्ट करने का काम करते थे।इनके द्वारा 100 से अधिक सिम कार्ड लोगो को गुमराह कर एक्टिवेट कर देश के कई राज्यों में उन्हें बेचा गया था।जिससे कई बड़े साइबर फ्रॉड डिजिटल अरेस्टिंग जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रह था। ये सिम कार्ड दक्षिण एशिया के देशों में साइबर फ्रॉड के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। इन सिम कार्ड के जरिए डिजिटल अरेस्ट, जासूसी, फर्जी विज्ञापन ,इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, यूपीआई फ्रॉड जैसे साइबर क्राइम किया जा रहे थे।
यूपी समेत कई प्रदेश में दर्ज है केस
सीबीआई ने पश्चिम बंगाल ,असम, महाराष्ट्र ,बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक उत्तर प्रदेश के सिम कार्ड डीलरों पर दर्ज किया है मामला। ग्राहक को केवाईसी फेल होने का झांसा देकर दोबारा केवाईसी के नाम पर दूसरा सिम एक्टिवेट करते हैं।साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल पर करीब 2200 शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने इस मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी थी। पहली बार केवाईसी को फेल बता कर दूसरी बार दूसरी कोशिश के दौरान एक ग्राहक के नाम पर दूसरा सिम एक्टिवेट कर रहे थे आरोपी। बीते साल देश भर में ऐसे करीब 64000 सिमकार्ड बेचने वाले 1930 डीलरों पर कार्रवाई शुरू हुई है।