Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Jun, 2025 11:28 AM

Mathura News: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के छत्ता इलाके से एक व्यक्ति को गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया है। इस व्यक्ति का नाम श्याम बिहारी है। वह पिछले 10 साल से बाटी गांव के एक मंदिर में पुजारी का काम......
Mathura News: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के छत्ता इलाके से एक व्यक्ति को गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया है। इस व्यक्ति का नाम श्याम बिहारी है। वह पिछले 10 साल से बाटी गांव के एक मंदिर में पुजारी का काम कर रहा था।
CBI ने खुद लिया मामला संज्ञान, पुजारी गिरफ्तार
मिली जानकारी के मुताबिक, CBI ने इस मामले को अपने आप संज्ञान में लिया था और 17 जून 2025 को केस दर्ज किया। फिर 19 जून को श्याम बिहारी को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद CBI ने मंदिर के आसपास उसके घर पर छापा मारा और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त किए। इन उपकरणों की जांच में भारी मात्रा में बच्चे से संबंधित यौन शोषण की सामग्री मिली। इसमें नाबालिग बच्चों के साथ यौन शोषण, बलात्कार, धमकी और उत्पीड़न के वीडियो और फोटो शामिल थे। यह सारी सामग्री इंटरपोल के इंटरनेशनल चाइल्ड सेक्सुअल एक्सप्लॉइटेशन डेटाबेस और गूगल की साइबर टिपलाइन रिपोर्ट्स से भी मेल खाती है।
फोरेंसिक जांच में मिला बच्चों के शोषण का सबूत
CBI के एक प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी बच्चों का यौन शोषण करता था, उनकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो बनाता था, और फिर धमकाकर इन सामग्री को इंटरनेट पर बेचता था। यह बहुत गंभीर अपराध है, और हम बच्चों के यौन शोषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। अजीब बात यह है कि इस मामले में किसी भी बच्चे या उनके परिवार ने पहले कोई शिकायत नहीं की थी। CBI ने अपने साइबर जांच, हाई-टेक फोरेंसिक उपकरणों और इंटरनेशनल रिपोर्ट्स की मदद से इस मामले का पर्दाफाश किया।
बिना शिकायत के CBI ने किया खुलासा, जांच जारी
CBI का कहना है कि श्याम बिहारी नाबालिग बच्चों का यौन शोषण करता था, उनके साथ बलात्कार करता था, और उनके अश्लील वीडियो और फोटो बनाता था। फिर इन वीडियो और फोटो को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और डार्क वेब पर ऊंचे दामों में बेचता था। यह सामग्री भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में फैल रही थी। CBI ने इस मामले की जांच आगे बढ़ाने का फैसला किया है ताकि रैकेट में जुड़े दूसरे आरोपियों का भी पता लगाया जा सके। इस अपराध के खिलाफ सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपने कड़े कदम उठा रही हैं।