Edited By Anil Kapoor,Updated: 21 May, 2023 09:37 AM

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोंडा (Gonda) जिले में जमीन घोटाले से जुड़े आरोपी एक अधिवक्ता की 6 दिन पहले पुलिस हिरासत ( Police Custody) में हुई मौत (Death) के मामले में एक चौकी प्रभारी समेत 6 अज्ञात पुलिस कर्मियों (Policemen) के खिलाफ गैर-इरादतन...
गोंडा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोंडा (Gonda) जिले में जमीन घोटाले से जुड़े आरोपी एक अधिवक्ता की 6 दिन पहले पुलिस हिरासत ( Police Custody) में हुई मौत (Death) के मामले में एक चौकी प्रभारी समेत 6 अज्ञात पुलिस कर्मियों (Policemen) के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज (FIR) की गई है। एक पुलिस अधिकारी (Police Officer) ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, मामले में पुलिस अधीक्षक (SP) ने ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में घटना के दिन ही आरोपी उप निरीक्षक और 2 सिपाहियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया था।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि घटना से आक्रोशित अधिवक्ता पिछले चार दिनों से दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग को लेकर न्यायिक कार्य छोड़कर आंदोलन चला रहे हैं। कोतवाली नगर थाने में जनवरी 2018 में जमीन घोटाले से जुड़े एक मामले में सदर के तत्कालीन तहसीलदार सुरेंद्र नारायण त्रिपाठी द्वारा दर्ज कराए गए आपराधिक साजिश एवं धोखाधड़ी से जुड़े मुकदमे में अधिवक्ता राजकुमार लाल श्रीवास्तव (60) वांछित थे।

शौचालय गए श्रीवास्तव ने कथित तौर पर वहां रखे ‘टॉयलेट क्लीनर' का कर लिया था सेवन
नगर कोतवाली पुलिस ने राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), रामपुर की मदद से श्रीवास्तव को बीते दिनों गिरफ्तार किया था और पूछताछ के लिए गोंडा लेकर आई थी। पुलिस हिरासत के दौरान ही शौच क्रिया के लिए शौचालय गए श्रीवास्तव ने कथित तौर पर वहां रखे ‘टॉयलेट क्लीनर' (शौचालय साफ करने वाला रासायनिक पदार्थ) का सेवन कर लिया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी।

मृतक अधिवक्ता के भाई पवन कुमार श्रीवास्तव की तहरीर पर कोतवाली नगर थाने में दर्ज किया गया है मुकदमा
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शिवराज ने शनिवार देर शाम बताया कि मृतक अधिवक्ता के भाई पवन कुमार श्रीवास्तव की तहरीर पर कोतवाली नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में सिविल लाइंस चौकी प्रभारी और पांच अज्ञात पुलिस कर्मियों को आरोपी बनाते हुए उन पर गैर-इरादतन हत्या और धमकी देने का आरोप लगाया गया है। पवन श्रीवास्तव ने अपनी तहरीर में यह भी आरोप लगाया है कि उनके भाई की हालत गंभीर होने के बाद भी पुलिस उन्हें जबरन डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान, लखनऊ से डिस्चार्ज कराकर गोंडा ले आई।

प्राप्त तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है: एएसपी
उन्होंने दावा किया है कि न्यायिक अभिरक्षा में मजिस्ट्रेट द्वारा जेल भेजे जाने के आदेश के बावजूद जेल प्रशासन श्रीवास्तव की नाजुक स्थिति को देखते हुए उन्हें अस्पताल नहीं ले गया, बल्कि उन्हें स्थानीय जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां पुलिस अभिरक्षा में ही उनकी मौत हो गई। प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि पुलिस मामले में लगातार सुलह का दबाव बना रही है और उसके रवैये से पीड़ित परिवार दहशत में है। एएसपी ने बताया कि प्राप्त तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।