Edited By Ramkesh,Updated: 25 Feb, 2024 06:16 PM
उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर संसदीय क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से सांसद रितेश पांडेय ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। इसी बीच एक खबर सामने और निकल कर आई है कि...
लखनऊ/नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर संसदीय क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से सांसद रितेश पांडेय ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया। इसी बीच एक खबर सामने और निकल कर आई है कि जौनपुर से बीएसपी सांसाद श्याम सिंह यादव आगरा में राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीएसपी सांसद श्याम सिंह यादव कांग्रेस पार्टी का दामन थाम सकते हैं।
हालांकि मायावती ने 'एक्स' पर सिलसिलेवार पोस्ट में रितेश पांडेय का जिक्र किये बिना अपनी पार्टी के सांसदों को नसीहत देते हुए कहा, ''बसपा राजनीतिक दल के साथ ही परम पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर के आत्मसम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है, जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है, जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है।'' मायावती ने कहा, ''अब बसपा के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वयं जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा?
क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व इसके प्रयासों के हित में समय-समय पर दिये गये दिशानिर्देशों का सही से पालन किया है?'' बसपा प्रमुख ने कहा, ''ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव है, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं एवं निगेटिव चर्चा में हैं। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित है। बसपा का पार्टी हित सर्वोपरि है।
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 10 सीटें जीत कर उत्तर प्रदेश में बीजेपी के बाद सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी थी। लेकिन 2024 में इंडिया गठबंधन में शामिल न होने की वजह से बसपा के सभी सांसद एक-एक कर पार्टी छोड़ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक 10 में से 4 सांसद तो बीजेपी के संपर्क में हैं जबकि जबकि 3 सांसद कांग्रेस और तीन सांसद समाजवादी पार्टी के संपर्क में हैं। अमरोहा के बीएसपी सांसद दानिश अली की बात करें तो उन्हें राहुल गांधी का साथ मिल चुका है और अमरोहा से कांग्रेस उन्हें टिकट देने की बता कही है। बिजनौर से बीएसपी सांसद मलूक नागर की बात करें तो वो बीजेपी के संपर्क में हैं जबकि लालगंज से सांसद संगीता आज़ाद बीजेपी के संपर्क में हैं। अफजल अंसारी को गाजीपुर से सपा ने प्रत्याशी बना ही दिया है, श्रावस्ती के बसपा सांसद राम शिरोमणि वर्मा बीजेपी के बड़े नेताओं से मिल चुके हैं, अब मायावती के सामने अपने पार्टी की साख बचाने की चुनौती नजर आ रही है। अब देखना होगा कि 2024 के लोसभा चुनाव में पार्टी कितनी सीट पर जीत दर्ज करती है।