Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 04 Jun, 2020 10:46 AM
नेपाल और भारत को दो शरीर और एक आत्मा बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पड़ोसी देश की सरकार को आगाह किया कि वह राजनीतिक नक्शे में छेड़छाड़ करने से पहले तिब्बत का हश्र देख ले। योगी ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा ‘‘ नेपा...
लखनऊः नेपाल और भारत को दो शरीर और एक आत्मा बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पड़ोसी देश की सरकार को आगाह किया कि वह राजनीतिक नक्शे में छेड़छाड़ करने से पहले तिब्बत का हश्र देख ले। योगी ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा ‘‘ नेपाल और भारत के संबंध सदियों पुराने है जिसे सीमाओ में बांधा नहीं जा सकता। भारत और नेपाल सांस्कृतिक द्दष्टिकोण से बेहद मजबूत है। सच्चाई यह है कि दोनो देश दो शरीर और एक आत्मा के समान है। नेपाली सरकार को दोनों देशों के प्राचीन इतिहास और संस्कृति का लिहाज करते हुये कोई निर्णय लेना चाहिये। ''
गोरखपुर में गोरक्षपीठ का नेपाल में भी खासा प्रभाव है और उसके बड़ी संख्या में अनुयायी नेपाल में बसते हैं। योगी गोरक्षपीठाधीश्वर है। योगी के मौजूदा शासनकाल में राम की नगरी अयोध्या से नेपाल में माता सीता की जन्मस्थली नेपाल में जनकपुरी के बीच बस सेवा शुरू की गयी है। योगी ने कहा कि नेपाल की सरकार को अपने देश के फायदे और नुकसान को देखकर सही निर्णय करना चाहिये। उनके सामने तिब्बत एक उदाहरण है और पड़ोसी देश को वही गलती नहीं करनी चाहिए।
गौरतलब है कि पिछली 31 मई को नेपाल की सरकार ने अपने नक्शे में भारतीय भूभाग का कुछ हिस्सा शामिल करते हुये संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुये नेपाल को भारत की संप्रभुता का सम्मान करने की नसीहत दी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, ‘ हम नेपाल सरकार से अपील करते हैं कि वो ऐसे बनावटी काटरग्राफिक प्रकाशित करने से बचे और भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करे। ''