Edited By Anil Kapoor,Updated: 05 May, 2023 03:24 PM

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ ने पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के एक व्यापारी से करोड़ों रुपए की ठगी करने के आरोप में 2 साल से जेल में बंद भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पूर्व...
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ खंडपीठ ने पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के एक व्यापारी से करोड़ों रुपए की ठगी करने के आरोप में 2 साल से जेल में बंद भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के पूर्व अधिकारी अरविंद सेन को जमानत (Bail) दे दी है। खंडपीठ ने सेन द्वारा जमानत की शर्त के तहत शिकायकर्ता को 20 लाख रुपए का भुगतान किए जाने के बाद उन्हें जेल (Jail) से रिहा करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति डी के सिंह की पीठ ने 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी सेन, जो अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं, की जमानत अर्जी बुधवार को स्वीकार कर ली। सेन 27 जनवरी 2021 से जेल में बंद हैं।
अरविंद सेन पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपए की ठगी का है आरोप
जानकारी के मुताबिक, पीठ ने अपने आदेश में साफ किया कि सेन ने अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने वाले व्यापारी को जो 20 लाख रुपए दिए हैं, उसका मुकदमे पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह आरोपी को जमानत पर रिहा करने की एक पूर्व निर्धारित शर्त है। जमानत अर्जी में सेन की ओर से दलील दी गई थी कि मामले में कुल 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपए की ठगी का आरोप है, जिसमें से आरोपी पूर्व आईपीएस अधिकारी के खाते में सिर्फ 10 लाख रुपए आए थे। उच्च न्यायालय ने कहा कि सेन की भूमिका सह-आरोपी आशीष राय से अलग है, जिसने खुद को पशुपालन विभाग के निदेशक के रूप में पेश किया। उसने कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी सेन ने कभी सचिवालय का दौरा नहीं किया।

इंदौर के व्यवसायी मनजीत सिंह भाटिया ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज कराई थी प्राथमिकी
आपको बता दें कि इंदौर के व्यवसायी मनजीत सिंह भाटिया ने लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके साथ 9.72 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई है, जिसका भुगतान उन्होंने 292 करोड़ रुपए के गेहूं, चीनी, आटे और दालों की आपूर्ति से संबंधित सरकारी ठेका हासिल करने के लिए कमीशन के रूप में किया था। इससे पहले, 17 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने सेन के अधिवक्ता से पीड़ित व्यापारी के पक्ष में 20 लाख रुपए का बैंक ड्राफ्ट लाने को कहा था। बुधवार को शिकायतकर्ता के वकील ने उसकी तरफ से ड्राफ्ट स्वीकार किया, जिसके बाद सेन को जमानत दे दी गई।