आजम खान की विधायकी खत्म, खाते में ही रह गई 3 करोड़ की विधायक निधि

Edited By Ajay kumar,Updated: 01 Nov, 2022 06:27 PM

azam khan s legislature ended mla fund of 3 crores remained in the account

भड़काऊ भाषण मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व रामपुर सीट से विधायक आजम खां को स्थानीय MP/MLA कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट द्वारा सजा सुनाये जाने के एक दिन बाद ही आजम खान की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई लेकिन उनके...

रामपुरः भड़काऊ भाषण मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व रामपुर सीट से विधायक आजम खां को स्थानीय MP/MLA कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट द्वारा सजा सुनाये जाने के एक दिन बाद ही आजम खान की उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई लेकिन उनके खाते में विधायक निधि के 3 करोड़ रुपये पड़े रह गए हैं। वह शहर में विकास कार्य कराए जाने के लिए प्रस्ताव ही नहीं दे सके। जबकि, शहर की सड़कें टूटी हैं और अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही हैं। यदि आजम खां विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव भेजते तो उनके विधायक निधि खर्च हो सकती थी। 31 मार्च तक नया विधायक नहीं चुने जाने पर विधायक निधि सरेंडर करना पड़ेगी। शासन द्वारा 29 जून 2022 को विधायक निधि की प्रथम किश्त पांचों विधायकों की डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये की विधायक निधि के साढ़े सात करोड़ भेजी गई थी।

रामपुर सदर विधानसभा सीट रिक्त घोषित
उत्तर प्रदेश विधानसभा के प्रधान सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि विधानसभा सचिवालय ने रामपुर सदर विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने सपा नेता आजम खां को भड़काऊ भाषण देने के मामले में बृहस्पतिवार को दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के मुताबिक दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को "ऐसी सजा की तारीख से" सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और जेल की सजा पूरी करने के बाद छह साल तक वह अयोग्य रहेगा।

क्या था मामला?
बता दें कि मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय का है, जब रामपुर सीट से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में आजम खान ने चुनाव प्रचार के दौरान अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया था। टांडा थाने में स्वार विधानसभा क्षेत्र के उड़न दस्ता प्रभारी पवन कुमार की तहरीर पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पवन कुमार ने तहरीर में कहा था कि आजम ने अपने भाषण में संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया। उनके खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 एवं अन्य कानूनी प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मामला एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। न्यायालय में कल सुनवाई के दौरान आजम की आवाज़ का नमूना लिए जाने के आदेश दिए हैं। इसके लिए रामपुर एसपी को आवाज का नमूना लेकर एक सप्ताह के अंदर अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है। उनकी आवाज़ के नमूने की फॉरेंसिक लैब में जांच करायी जाएगी। आजम की आज न्यायालय में फाइल रिकॉर्डिंग सुनी गई और नायब तहसीलदार रहे गुलाब राय से जिरह पूरी की गई। सुनवाई के दौरान आजम खान न्यायालय में मौजूद नहीं थे।

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