Edited By Ramkesh,Updated: 16 Nov, 2022 05:41 PM

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से विधायक आजम खान के हेट स्पीच मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। अदालत ने आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिका को औचित्य हीन बताते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। आजम खान...
प्रयागराज: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से पूर्व विधायक आजम खान को हेट स्पीच मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। अदालत ने आजम खान की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिका को औचित्य हीन बताते हुए सुनवाई से इनकार दिया है। बातद दें कि आजम खान को हेट स्पीच मामले में रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है। इस मामले में उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए राहत देने से इनकार कर दिया है।
बता दें कि 27 अक्टूबर को इस मुकदमे में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा नेता व पूर्व मंत्री आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई थी। सजा के बाद विधान सभा अध्यक्ष ने उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया। आरोप है कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान ने पीएम नरेंद्र मोदी रामपुर के तत्कालीन डीएम पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। इस मामले में रामपुर पुलिस ने आजम के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
आजम खान की विधायकी रद्द होने पर जयंत ने उठाए थे सवाल
आजम खान की विधायकी रद्द होने पर आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कड़ी नराजगी जताई थी। उन्होंने आरोप लगया कि सत्ता पक्ष के अलग और विपक्ष के अलग कानून है। जयंत ने इस मामले में विधान सभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि खतौली (मुजफ्फरनगर) से भाजपा विधायक विक्रम सैनी को 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के लिए स्पेशल एम०पी०एम०एल०ए० कोर्ट द्वारा 11 अक्टूबर 2022 को जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत दो साल की सजा सुनाई गई है। उस प्रकरण में आपकी ओर से आज तक कोई पहल नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि क्या सत्ताधारी दल और विपक्ष के विधायक के लिए कानून की व्याख्या अलग-अलग तरीके से की जा सकती है ? यह सवाल तब तक अस्तित्व में रहेगा, जब तक आप भाजपा विधायक विक्रम सैनी के मामले में ऐसी ही पहल रहेगी। जयंत के पत्र के बाद विक्रम सैनी की सदस्यता को विधानसभा अध्यक्ष ने रद्द कर दिया। हालांकि दोनों सदस्यों की सदस्यता रद्द होने पर चुनाव हो रहा है।