Edited By Ramkesh,Updated: 07 May, 2025 01:13 PM

भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह का प्रमुख गढ़ बहावलपुर भी शामिल है। इस कार्रवाई बाद देश...
लखनऊ: भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह का प्रमुख गढ़ बहावलपुर भी शामिल है। इस कार्रवाई बाद देश में हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां हैं।

सुरक्षा कारणों के चलते जम्मू समेत कई हवाई अड्डे बंद
भारत में सुरक्षा कारणों के चलते जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट जैसे महत्वपूर्ण हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। ये सभी एयरपोर्ट 10 मई सुबह 5:30 बजे तक बंद रहेंगे। एयर ट्रैफिक पर असर पड़ा है और यात्रियों को अलर्ट किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, यह निर्णय ऑपरेशन सिंदूर के बाद बनी सुरक्षा परिस्थितियों और संभावित जवाबी खतरों के मद्देनज़र लिया गया है। सभी एयरपोर्ट्स पर एयर फोर्स और सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती बढ़ा दी गई है, और पूरे देश में सतर्कता के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने की कार्रवाई
आप को बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई इस कार्रवाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर' के नाम से अंजाम दिया गया जो भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे सैन्य तनाव का एक और अध्याय है। भारत-पाक सैन्य टकराव का इतिहास भारत की स्वतंत्रता और इसके विभाजन के बाद 1947 की लड़ाई से शुरू होता है, जो पुलवामा आत्मघाती हमले के जवाब में भारत की ओर से 2019 में की गई बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक तक फैला है। 1947 (पहला भारत-पाक युद्ध) : इस युद्ध को प्रथम कश्मीर युद्ध के रूप में भी जाना जाता है। यह तब शुरू हुआ जब नव स्वतंत्र राष्ट्र भारत और पाकिस्तान के बीच तत्कालीन जम्मू कश्मीर रियासत को लेकर संघर्ष छिड़ गया। इसकी शुरुआत अक्टूबर 1947 में हुई जब पाकिस्तान समर्थित कबायली मिलिशिया ने रियासत पर आक्रमण कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से संघर्ष विराम लागू
महाराजा हरि सिंह द्वारा जम्मू कश्मीर के भारतीय संघ में विलय के बाद, भारत ने इस क्षेत्र की रक्षा के लिए अपनी सेना भेजी, जिससे दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर संघर्ष हुआ। यह संघर्ष जनवरी 1949 तक जारी रहा, जब संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से संघर्ष विराम लागू किया गया, जिसके परिणामस्वरूप नियंत्रण रेखा (एलओसी) के रूप में भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर का विभाजन हुआ। 1965 (दूसरा भारत-पाक युद्ध): 5 अगस्त, 1965 को कश्मीर को लेकर सशस्त्र संघर्ष छिड़ गया। यह तब शुरू हुआ जब हजारों पाकिस्तानी सैनिकों ने स्थानीय विद्रोहियों के वेश में जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की।

बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का भारत ने किया था समर्थन
‘ऑपरेशन जिब्राल्टर' के नाम से जाना जाने वाला गुप्त अभियान, इस क्षेत्र को अस्थिर करने और स्थानीय विद्रोह को भड़काने के उद्देश्य से चलाया गया था। भारत ने सैन्य हमला करके जवाब दिया, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पूरी तरह जंग में बदल गया। युद्ध 23 सितंबर, 1965 तक जारी रहा, जब दोनों पक्ष तत्कालीन सोवियत संघ और अमेरिका की मध्यस्थता से युद्ध विराम पर सहमत हुए। 1971 (बांग्लादेश मुक्ति संग्राम): 1971 का भारत-पाक युद्ध पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) पर पाकिस्तानी सेना के दमन की कार्रवाई और उस हिस्से से उठी स्वतंत्रता की मांग के कारण शुरू हुआ था। भारत ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के समर्थन में युद्ध में प्रवेश किया और फिर, पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर भीषण लड़ाई के बाद, 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तान की सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया। इस युद्ध के कारण बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया। 1999 (करगिल युद्ध): 1999 का करगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच ऊंचाई वाले क्षेत्र में हुआ संघर्ष था, जो उस साल मई से जुलाई तक लड़ा गया था। तब पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के करगिल क्षेत्र में पर्वत चोटियों पर कब्जा कर लिया था।

उरी हमले के बाद भारतीय नेना ने की थी सर्जिकल स्ट्राइक
भारत ने वायु सेना के ‘ऑपरेशन सफेद सागर' के समर्थन के साथ क्षेत्र पर पुनः नियंत्रण प्राप्त करने के लिए ‘ऑपरेशन विजय' शुरू किया। 26 जुलाई, 1999 को भारत के इस क्षेत्र पर पुन: नियंत्रण प्राप्त करने के साथ युद्ध समाप्त हो गया। इस दिन को अब ‘करगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 2016 (उरी हमला): 18 सितंबर, 2016 को जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के एक केंद्र पर हुए आतंकवादी हमले में 19 सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत ने 28-29 सितंबर की दरमियानी रात को नियंत्रण रेखा के पार सर्जिकल स्ट्राइक की।
पुलवामा हमला के बाद सेना ने की थी जवाबी कार्रवाई
भारतीय सेना ने पीओके में कई आतंकवादी लॉन्च पैड को निशाना बनाया, जिसमें घुसपैठ की तैयारी कर रहे कई आतंकवादी ढेर हो गए। 2019 (पुलवामा हमला): 26 फरवरी, 2019 को, भारतीय वायु सेना ने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमले किए। पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे। बालाकोट ‘एयर स्ट्राइक' में लड़ाकू विमानों का उपयोग करते हुए भारत ने पाकिस्तानी क्षेत्र में अंदर तक आतंकी शिविर को निशाना बनाया। यह 1971 के युद्ध के बाद पहला ऐसा हवाई हमला था।