Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 02 Dec, 2020 12:40 PM
संगम नगरी प्रयागराज की धार्मिक पहचान संगम है, तो यहां की आर्थिक पहचान हैं इलाहाबादी अमरुद, जो अपनी मिठास और गुणवता की वजह से पूरे देश और विदेश में अपनी अलग पहचान रखता है। कारण है बिल्कुल सेब जैसा स्वाद और तमाम बीमारियों से निजात पाई जाती है। इसे...
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज की धार्मिक पहचान संगम है, तो यहां की आर्थिक पहचान हैं इलाहाबादी अमरुद, जो अपनी मिठास और गुणवता की वजह से पूरे देश और विदेश में अपनी अलग पहचान रखता है। कारण है बिल्कुल सेब जैसा स्वाद और तमाम बीमारियों से निजात पाई जाती है। इसे विस्तार देने के लिए तमाम दूसरे शहरों में नर्सरियां लगीं, लेकिन इलाहाबादी माटी की उपज जैसा स्वाद कहीं नहीं मिला, लेकिन इस बार उत्तर भारत मे फैले वायु प्रदूषण ने इलाहाबादी अमरूदों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। अमरूदों के पैदावार में भी काफी असर हुआ है और मिठास में कमी भी इस बार देखी जा रही हैं।
अमरूद के किसानों का कहना है कि अमरूदों की हर प्रजातियों पर वायु प्रदूषण और कीड़े का असर देखने को मिला है। अमरूद के अंदर कीड़े भी पड़ जा रहे है और प्रदूषण की वजह से मिठास भी पहले जैसे नहीं है। हालांकि 3 महीने का ये फल है और अब वायु प्रदूषण में भारी गिरावट हुई है। जिससे अब उम्मीद है कि आगे की फसल में कुछ अच्छा परिवर्तन देखने को मिले। पिछले साल के मुताबिक इस बार अमरूद के फल कम आए है साथ ही जो आए भी है उनमें मिठास की कमी है। इस बार अमरूदों के पेड़ों और पत्तों पर भी कीड़े लगे हुए हैं।
बता दें कि इलाहाबाद में अमरूद की प्रसिद्ध किस्में हैं। इनमे इलाहाबादी सफेदा अमरूद के अलावा लाल गूदेवाला, चित्तीदार, करेला, बेदाना, अमरूद सेबिया, सुरखा, श्वेता, पंत प्रभात, एल 39, संगम व ललित इसकी प्रमुख प्रजातिया हैं। इलाहाबाद और कौशांबी मेंजहा सुरखा, सेबिया और सफेदा अमरुद की उपज होती है। वहीं इलाहाबादी सुरूखा और सफेदा की डिमांड पूरी दुनिया में है।