Edited By Prashant Tiwari,Updated: 17 Jan, 2023 03:32 PM
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अपनी सियासी रणनीति को लेकर सक्रिय हो गए हैं। उपचुनाव में मिली जीत के बाद अब अखिलेश यादव ने केंद्र में थर्ड फ्रंट के साथ आगे बढ़ने के लिए अभी से रणनीति...
लखनऊ (अश्वनी कुमार सिंह) : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अपनी सियासी रणनीति को लेकर सक्रिय हो गए हैं। उपचुनाव में मिली जीत के बाद अब अखिलेश यादव ने केंद्र में थर्ड फ्रंट के साथ आगे बढ़ने के लिए अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी क्रम में अखिलेश यादव आज से दो दिवसीय दौरे पर आज तेलंगाना जा रहे हैं। जहां वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बड़ी जनसभा में शामिल होंगे। इस जनसभा में अब तक सपा प्रमुख के अलावा दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल, पंजाब के CM भगवंत मान व केरल के CM पिनराई विजयन के शामिल होने की पुष्टि हो चुकी है।
केंद्र में थर्ड फ्रंट की वकालत करते रहे है सपा प्रमुख
आपको बता दे कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही अखिलेश यादव केंद्र में थर्ड फ्रंट की वकालत करते रहे हैं और उसको लेकर अब वह तेलंगाना के CM के. सी. आर. के साथ कदमताल करते हुए नजर आ रहे है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री 18 जनवरी को खम्मम में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। इस जनसभा में विपक्षी दलों के नेताओं का जमावड़ा नजर आने वाला है। जानकारी के अनुसार के. सी. आर. ने अपनी इस बड़ी जनसभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बुलाया है और इसी के क्रम में अखिलेश यादव तेलंगाना पहुंच रहे हैं। इस बड़ी जनसभा के माध्यम से के.सी.आर. विपक्षी दलों को मजबूत करना चाहते हैं और केंद्र की राजनीति में अपनी पार्टी को मजबूत करना चाहते है।
KCR उत्तर तो अखिलेश दक्षिण में पार्टी को करना चाहते है मजबूत
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.सी.आर. तेलंगाना के बाहर अपनी पार्टी का विस्तार देने को लेकर सक्रिय हो गए हैं और 18 जनवरी को एक बड़ी रैली का आयोजन कर रहे हैं। वह खास कर हिंदी भाषी राज्य में एक ऐसा सहयोगी चाहते है जो राज्य कि सत्ता में दखल रखती हो आपको बता दे कि K C R तेलुगु भाषी होने के बावजूद हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ रखते है। वह आपको राज्य में व राज्य के बाहर अक्सर मीडिया से हिंदी में बात करते नजर आ जाएंगे। वहीं अखिलेश यादव भी सपा का विस्तार करना चाहते है लेकिन वह कांग्रेस से दूरी बना कर रखना चाहते है। इसका बड़ा कारण है दोनों दलों का मुस्लिम वोटों को लेकर झुकाव इस वजह से सपा प्रमुख कांग्रेस से दूरी बनाकर अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं।