‘डरो मत...पहले मेरे सीने पर गोली लगेगी, ’ आतंकी हमले में बचे शख्स ने सुनाई कश्मीरियों की कहानी

Edited By Imran,Updated: 25 Apr, 2025 05:08 PM

a person who survived the terrorist attack told the story of kashmiris

पहलगाम में हुए हमले में 27 लोगों ने अपनी जान गवां दी। यह आतंकी हमला केवल जम्मू कश्मीर में नहीं बल्कि देश की आत्मा पर हुई है। पूरा देश गुस्से में है और सरकार से आतंकियों को खत्म करने की उम्मीद लगाए बैठी हैं।

Pahalgam: पहलगाम में हुए हमले में 27 लोगों ने अपनी जान गवां दी। यह आतंकी हमला केवल जम्मू कश्मीर में नहीं बल्कि देश की आत्मा पर हुई है। पूरा देश गुस्से में है और सरकार से आतंकियों को खत्म करने की उम्मीद लगाए बैठी हैं।

आपको बता दें कि अमरेंद्र जो पहली बार पहलगाम घूमने थे और इस हमले में बाल-बाल बच गए। वो भी एक कश्मीरी मुस्लिम घोड़े वाले की वजह से। उनका पूरा ट्रिप 6 का था लेकिन वो अधूरा छोड़कर वापस आ गए। उन्होंने बताया कि उस जगह पर एक दरियादिल इंसान थे, जिन्होंने बहुत हिम्मत दी। यूट्यूब चैनल न्यूज तक के साथ हुई बातचीत में अमरेंद्र नाम के पाख्स ने कहा कि जहां पर गाड़ियां पार्क होती हैं वहीं पर टट्‌टू वाले इकट्ठे होते हैं, जो आगे के सफर पर लेकर जाते हैं। वहीं से टट्‌टू वाले को बुक किया और आगे के लिए निकल गए इससे पहले हमारी गाड़ी के ड्राइवर ने कहा था कि टट्टू वाले का कहना कि सरत रास्ते से लेकर जाए और उसी से लेकर आए।

अचानक सुनाई देने लगी फायरिंग की आवाज
आगे अमरेंद्र का कहना है कि वह पिछले कई साल से कश्मीर की खूबसूरती देखने के लिए प्लान बना रहे थे और इस बार पहुंचे थे। वो कहते है कि हम घोड़े वाले से बात करते हुए आगे बढ़े रहे थे और बात करते हुए जा रहे थे कि एक कैमरामैन भी कर देना ताकि फोटो भी खिंच सके। आगे के रास्ते के लिए लगभग आधा घंटा 40 मिनट तक बीत पाए होंगे कि उधर से गोली की आवाज सुनाई पड़ी। पहले तो कुछ समझ नहीं आपा लेकिन उधर से एक महिला आ रही थी, उसने कहा कि भागो फायरिंग हो रही है. इतने में अफरा तफरी मच गई

डरो मत पहले मेरे सिने पर गोली लगेगी
उन्होंने आगे बताया, ' इसके बाद हम लोग भी वापस हो लिए, घोड़े वाले ने हमको बोला कि अपने ड्राइवर को फोन कीजिए, जहां पर छोड़ा था वहीं मिले। वो जल्दी-जल्दी भगाकर लेकर आया और डर भी लग रहा था। घोड़े वाले ने कहा कि सर हम लोग तो उस प्वाइंट पर अगले 5 मिनट में पहुंचने ही वाले थे। जिस गाड़ी में लोगों को जगह मिल रही थी, उसी में बैठकर भाग रहे थे। वहां पर घोड़े वाले एक्टिव रोल में थे। वो लोगों को निकालने में मदद कर रहे थे, बार-बार एक ही बात बोल रहे थे कि आप लोग परेशान न हीं पहले गोलियां हमारी छाती पर लगेगी तब आप तक पहुंचेंगी।

 

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