UP में 7 PPS और 3 IPS अधिकारियों का हुआ तबादला, कमिश्नरेट में हुई तीन DCP की तैनाती

Edited By Pooja Gill,Updated: 11 Aug, 2024 01:08 PM

7 pps and 3 ips officers transferred

UP News: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार प्रशासनिक फेरबदल कर रही है। कल यानी शनिवार को डीजीपी मुख्यालय ने सात पीपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। वहीं, आज तीन आईपीएस अफसरों का भी तबादला कर दिया है और कमिश्नरेट में तीन...

UP News: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार प्रशासनिक फेरबदल कर रही है। कल यानी शनिवार को डीजीपी मुख्यालय ने सात पीपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। वहीं, आज तीन आईपीएस अफसरों का भी तबादला कर दिया है और कमिश्नरेट में तीन डीसीपी की तैनाती की गई है। जल्द ही यह सभी अधिकारी अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे।

इन PPS अधिकारियों का हुआ ट्रांसफर
जानकारी के मुताबिक, शनिवार को सात पीपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। जिसमें से गाजियाबाद कमिश्नरेट में सहायक पुलिस आयुक्त रवि कुमार सिंह को गोरखपुर भेजा गया है। जबकि डीजीपी मुख्यालय के चुनाव प्रकोष्ठ में तैनात अजय कुमार सिंह को गाजियाबाद में तैनात किया गया है। दरवेश कुमार को सिद्धार्थनगर से गोरखपुर भेजा गया है। गोरखपुर में तैनात नितिन तनेजा को वाराणसी कमिश्नरेट में सहायक पुलिस आयुक्त (सुरक्षा) बनाया गया है। मुरादाबाद रेलवे में तैनात देवी दयाल को गोरखपुर में डिप्टी एसपी एलआईयू बनाया गया है। इसी तरह पीटीसी सीतापुर में तैनात अनिल कुमार वर्मा को रेलवे, मुरादाबाद भेजा गया है।पीएसी, गोरखपुर में तैनात संजय सिंह को बस्ती भेजा गया है।

इन IPS अधिकारियों का हुआ ट्रांसफर
यूपी में तीन आईपीएस अफसर के तबादले किए गए है और कमिश्नरेट में तीन डीसीपी की तैनाती की गई है। अयोध्या पुलिस अधीक्षक (सुरक्षा) आईपीएस पंकज कुमार को पुलिस उपायुक्त प्रयागराज बनाया है। लखनऊ से एसपी (अधिसूचना) नीरज पांडेय को भी प्रयागराज में पुलिस उपायुक्त पद पर तैनात किया गया है। आशुतोष द्विवेदी को प्रयागराज कमिश्नरेट से एसपी (अधिसूचना) मुख्यालय लखनऊ भेजा गया है।

यह भी पढ़ेंः 'आरक्षण का पूरा श्रेय बाबा साहेब अम्बेडकर को ही जाता है...' कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर बोलीं मायावती
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण का श्रेय बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की बजाय जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी को देने का आरोप लगाया है। दरअसल, खड़गे ने कहा था कि ''भारत में दलित समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण बाबासाहेब के ‘पूना पैक्ट' के माध्यम से मिला था। बाद में पंडित जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी द्वारा आरक्षण नीति को जारी रखा गया।'' इस पर मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

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