Edited By Imran,Updated: 27 Aug, 2024 02:25 PM
शिक्षक भर्ती का मामला यूपी सरकार के लिए गले का कांटा बनता जा रहा है। दरअसल, अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अनारक्षित वर्ग के दो चयनित और एक अचयनित अभ्यर्थियों ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इससे पहले आरक्षित वर्ग के...
69000 teacher recruitment case: शिक्षक भर्ती का मामला यूपी सरकार के लिए गले का कांटा बनता जा रहा है। दरअसल, अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अनारक्षित वर्ग के दो चयनित और एक अचयनित अभ्यर्थियों ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इससे पहले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने इस मामले में कैविएट दाखिल कर रखी है।
इस मामले में हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने आरक्षण नियमों का पालन न करने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई चयन सूची रद्द कर दी थी और तीन महीने के भीतर नई सूची जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद से प्रदेश सरकार पर विपक्ष ने आरक्षण विरोधी होने के आरोप लगाए थे। इस पर योगी सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि सरकार किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने देगी।
आमने-सामने आ चुके हैं दोनों वर्ग के अभ्यर्थी
इसके पहले भी आरक्षित और अनारक्षित अभ्यर्थी हाईकोर्ट के आदेश को लेकर आमने सामने आ चुके हैं। 22 अगस्त को आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दे रहे थे कि अनारक्षित अभ्यर्थी भी वहां पहुंच गए। दोनों पक्ष आमने-सामने धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। किसी विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए पुलिस बीच में दीवार बनकर खड़ी रही। हालांकि, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से वार्ता में आश्वासन के बाद अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने धरना समाप्त कर दिया था।
अब CM आवास का घेराव करने का तैयारी
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से लगातार धरने पर डटे हुए हैं। वे सभी मांग कर रहे है कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने जा आदेश दिया उसका पालन किया जाए।
मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लगातार धरने पर बैठे हुए हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि प्रदेश सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के आदेश का पालन करे। जिसके तहत सरकार को भर्ती की नई चयन सूची जारी करनी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अधिकारियों के ढीले रवैये के कारण अभी तक चयन सूची जारी नहीं की गई। इससे धरनारत आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के प्रति भारी आक्रोश है। इसी वजह से ओबीसी, एससी अभ्यर्थियों ने दो सितंबर को मुख्यमंत्री आवास घेरने व महाधरने का आह्वान किया है।