Edited By Pooja Gill,Updated: 10 Sep, 2024 04:14 PM
69000 Shikshak Bharti: 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज फिर आंदोलन शुरू कर दिया। आज अभ्यर्थियों ने एक बार फिर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया है...
69000 Shikshak Bharti: 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज फिर आंदोलन शुरू कर दिया। आज अभ्यर्थियों ने एक बार फिर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया है। अभ्यर्थियों ने उनके घर के सामने बैठकर विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। अभ्यर्थियों ने 'केशव चाचा न्याय करो' का नारा लगाया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा।
23 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में 69,000 सहायक शिक्षकों की नयी चयन सूची तैयार करने को कहा गया था। शीर्ष अदालत ने जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी शिक्षकों की चयन सूचियों को रद्द करने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश पर भी रोक लगा दी, जिनमें 6,800 अभ्यर्थी शामिल थे। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब 23 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। जिससे दोनों पक्षों यानी आरक्षित व अनारक्षित दोनों वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय की उम्मीद है।
अभ्यर्थियों ने की न्याय की मांग
इसी बीच आज फिर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने आंदोलन शुरू किया। अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। पहले अभ्यर्थियों ने 9 सितंबर तक आंदोलन को स्थगित कर दिया था। आज अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर के सामने विरोध प्रदर्शन कर आंदोलन की फिर से शुरुआत कर दी। अभ्यर्थी इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच से दिए गए फैसले का पालन न किए जाने से नाराज हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट का जो फैसला आया था सरकार उसे जानबूझकर लटका दिया जिससे यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया। सरकार के पास पर्याप्त समय था वह हाईकोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करके सबके साथ न्याय कर सकती थी। अभ्यर्थियों सरकार के मंत्रियों के घरों का घेराव कर न्याय की मांग कर रहे है।