Edited By Ajay kumar,Updated: 21 Oct, 2019 11:34 AM

यूपी के आगरा कॉलेज मैदान में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में हस्तलिखित पुस्तक रामचरितमानस आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इसको हरियाणा हिसार के जैकब हरमीत सिंह ने लिखा है। साहित्य उत्सव और राष्ट्रीय पुस्तक मेला...
आगरा: यूपी के आगरा कॉलेज मैदान में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में हस्तलिखित पुस्तक रामचरितमानस आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इसको हरियाणा हिसार के जैकब हरमीत सिंह ने लिखा है। साहित्य उत्सव और राष्ट्रीय पुस्तक मेला देखने वाले दर्शकों की निगाहें इसी जगह बरबस हो रुक जाती हैं, जहां मात्र 3 पुस्तकें हैं।

पुस्तक अब्दुल कलाम की प्रेरणा से लिखा: रचयिता
यह हस्तलिखित पुस्तकें तीन धर्म ग्रंथों में है, जो सद्भावना का संदेश दे रही हैं। जैकब हरमीत सिंह ने यह ग्रंथ पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन अब्दुल कलाम की प्रेरणा से लिखे हैं। इन्होंने कहा कि कुछ बड़ा लक्ष्य निर्धारित करो, छोटा लक्ष्य तो अपराध है। हरमीत ने इंटीरियर डिजाइनिंग का काम छोड़कर रामचरितमानस, श्रीमद् भागवत गीता और बाइबल लिख डाली। वहीं रामचरितमानस को लिखने में साढ़े ग्यारह माह लगे। इसे इन्होंने 3 भाषाओं हिन्दी, संस्कृत और अंग्रेजी में लिखा है। इसका वजन 1 कुंतल 9 किलो 630 ग्राम है।

तीनों ही किताबें देश की धरोहर: दर्शक
मेले का अवलोकरन करने आऐ लोगों की नज़र जब इन ग्रंथों पर पड़ी तो उन्होंने अपने मोबाइल में इसकी फोटो खींच डाली। शायद खरीद पाने में वह असमर्थ थे। इनकी कीमत भी अजीब है, जिसे सुनकर आप चौक जाएंगे। इधर धर्मग्रंथों के पन्नों पर जो लिखा है, वही उनकी कीमत है यानि समाज कल्याण। वहीं हरमीत सिंह की शर्त है कि जो व्यक्ति हिसार में यतीम अनाथों के लिए एक स्कूल और हॉस्टल बनवा देगा उसे वे ऐ धर्म ग्रंथ दे देंगे। वहीं दर्शक जोइल टॉमसन का कहना है कि ये तीनों ही किताबें अनमोल है जो देश की धरोहर हैं।
पुस्तक बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज
हरमीत ने रामचरितमानस के अलावा श्रीमद् भागवत गीता और बाइबल भी लिखी है। बाइबिल को लिखने में ढाई वर्ष लग गऐ जबकि गीता को उन्होंने मात्र डेढ़ माह में ही लिख दिया। वहीं इन बड़ी और भारी भरकम हस्तलिखित पुस्तकों को उन्होंने बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज कराया है। जिसके लिए वे सम्मानित भी किए गऐ हैं।