Edited By Anil Kapoor,Updated: 16 Apr, 2025 02:51 PM

Mathura News: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में शादी की रौनक उस समय विवाद में बदल गई जब फेरों से पहले वर पक्ष की ओर से मंगलसूत्र ना लाने की बात सामने आई। यह सुनते ही वधू पक्ष भड़क उठा और दोनों दूल्हों समेत बारातियों को घर में रोक लिया गया। रातभर दोनों...
Mathura News: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में शादी की रौनक उस समय विवाद में बदल गई जब फेरों से पहले वर पक्ष की ओर से मंगलसूत्र ना लाने की बात सामने आई। यह सुनते ही वधू पक्ष भड़क उठा और दोनों दूल्हों समेत बारातियों को घर में रोक लिया गया। रातभर दोनों परिवारों के बीच बातचीत चलती रही, लेकिन सहमति ना बन पाने पर वधू पक्ष ने शादी से इनकार कर दिया और कार्यक्रम में हुए खर्च की भरपाई की मांग करते हुए मामला पुलिस तक पहुंचा।
लगन, वरमाला और दावत के बाद टूटी शादी
मिली जानकारी के मुताबिक, कोसीकलां के वाटरवर्क्स कॉलोनी निवासी 2 बहनों की शादी बल्लभगढ़ (फरीदाबाद) के सुभाष नगर कॉलोनी निवासी शिवम और मोनू वर्मा से 14 अप्रैल को तय थी। 12 अप्रैल को वधू पक्ष की ओर से सगाई और लगन की रस्में निभाई गईं। निर्धारित तिथि पर बारात धूमधाम से आई, स्वागत हुआ, वरमाला भी संपन्न हुई और शानदार दावत दी गई।
फेरों से पहले सामने आई बड़ी चूक
बताया जा रहा है कि रात्रि को फेरों की रस्म शुरू होनी थी। उसी दौरान पंडित ने मंगलसूत्र लाने की बात कही, जिस पर वर पक्ष के पिता ने बताया कि वे मंगलसूत्र नहीं लाए हैं। यह सुनकर वधू पक्ष भड़क गया।दोनों दुल्हनों ने मंडप से उठने का निर्णय लिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
बंधक बनाए गए दूल्हा और बाराती
जब वधू पक्ष ने वर पक्ष द्वारा पूर्व में किए गए वादों की सत्यता जांची, तो कई बातें झूठी निकलीं। नाराज वधू पक्ष ने ना सिर्फ शादी तोड़ दी, बल्कि दोनों दूल्हों समेत कई बारातियों को घर में ही रोक लिया। उन्होंने शादी में हुए खर्च की भरपाई की मांग की।
पुलिस की मध्यस्थता से हुआ समझौता
गौरतलब है कि मंगलवार सुबह मोहल्ले वालों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को थाना कोसीकलां लाया गया। वधू पक्ष ने शिकायत में कहा कि वर पक्ष ने उन्हें धोखे में रखा और झूठे वादे किए। प्रभारी निरीक्षक अरविंद निर्वाल ने बताया कि दोनों पक्षों में बातचीत के बाद राजीनामा हुआ, जिसमें वर पक्ष द्वारा कार्यक्रम में हुए खर्च की भरपाई पर सहमति बनी। वधू पक्ष ने फिर किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों दूल्हों और बारातियों को छोड़ दिया गया, लेकिन वे बिना दुल्हनों को लिए वापस लौट गए।