ऋषिकेश में गंगा की सफाई, अगरबत्ती बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे भक्तों द्वारा चढ़ाए गए फूल

Edited By Nitika,Updated: 12 Dec, 2020 01:52 PM

flowers offered by devotees will be used to make incense sticks

गंगा में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की गई है। इसके तहत ऋषिकेश जिला प्रशासन एक परियोजना शुरू करेगा, जिसके तहत भक्तों द्वारा चढ़ाए गए फूलों को नदी में बहने देने के बजाय उनका इस्तेमाल जैविक अगरबत्ती बनाने के लिए किया जाएगा।

 

ऋषिकेशः गंगा में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए एक अनूठी पहल शुरू की गई है। इसके तहत ऋषिकेश जिला प्रशासन एक परियोजना शुरू करेगा, जिसके तहत भक्तों द्वारा चढ़ाए गए फूलों को नदी में बहने देने के बजाय उनका इस्तेमाल जैविक अगरबत्ती बनाने के लिए किया जाएगा।

ऋषिकेश नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्विरियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि गंगा संरक्षण योजना के मानद अध्यक्ष और देहरादून के जिलाधिकारी आशीष कुमार श्रीवास्तव ने हाल ही में सरकार द्वारा नियुक्त पैनल के समक्ष इस पायलट प्रोजेक्ट का खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव एन रविशंकर की अध्यक्षता वाले पैनल ने इस विचार को काफी सराहा है। पैनल में कई पर्यावरणविद शामिल हैं। यह पैनल सुशासन और प्रशासन के लिए नई पहल और मॉडल पेश करने के लिए हर साल मुख्यमंत्री पुरस्कार के लिए नौकरशाहों का चयन करता है।

वहीं नगर आयुक्त ने कहा कि इस पहल से न केवल गंगा में प्रदूषण का स्तर कम होगा, बल्कि जैविक अगरबत्ती के निर्माण के लिए एक नया उद्योग भी शुरू होगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के अलावा स्थानीय लोगों को रोजगार देगा। बता दें कि ऋषिकेश में गंगा के सबसे पुराने तट-त्रिवेणी घाट पर फूलों के 5 कंटेनर रखे जाएंगे और बेरोजगार युवकों को मंदिरों और घरों में भक्तों द्वारा चढ़ाए गए फूलों को इकट्ठा करने और उन्हें कंटेनरों में जमा करने का काम सौंपा जाएगा।

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