Edited By Nitika,Updated: 17 Jul, 2019 01:20 PM
आषाढ़ महीने की पूर्णिमा यानि कि गुरु पूर्णिमा की रात मंगलवार को चंद्र ग्रहण लगा। चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले यानि की 4 बजकर 30 मिनट पर शुरु हो गया। इसी के चलते चारधाम सहित सभी मंदिरों के कपाट दोपहर 4 बजे बंद कर दिए थे। वहीं अब चंद्रग्रहण के बाद...
देहरादूनः आषाढ़ महीने की पूर्णिमा यानि कि गुरु पूर्णिमा की रात मंगलवार को चंद्र ग्रहण लगा। चंद्र ग्रहण का सूतक 9 घंटे पहले यानि की 4 बजकर 30 मिनट पर शुरु हो गया। इसी के चलते चारधाम सहित सभी मंदिरों के कपाट दोपहर 4 बजे बंद कर दिए थे। वहीं अब चंद्रग्रहण के बाद सभी मंदिरों के कपाट खोल दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, देहरादून के प्राचीन सनातन धर्म मंदिर में बुधवार सुबह 5 बजे शुद्धिकरण के पश्चात पूजा शुरू हो गई। सुबह से ही विभिन्न मंडलियों की ओर से सभी मंदिरों में भजन-कीर्तन आरंभ हो गए थे। सावन महीने की शुरुआत होने के कारण भव्य रूप से सजाए गए मंदिरों में भक्तों ने पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दी। सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना कर विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस महीने भोले बाबा और माता पार्वती भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। इस बार सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को होगा महीने का समापन 15 अगस्त रक्षाबंधन पर होगा।
वहीं आचार्य गिरीश नौटियाल ने बताया कि चंद्र ग्रहण समाप्त होने के पश्चात ही विधि-विधान से शुद्धिकरण कर भोग लगाकर विधिवत मंदिर की पूजा-अर्चना की गई। इसके साथ ही सावन महीना शुरू होने के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया। बता दें कि चंद्रग्रहण मंगलवार रात 1 बजकर 31 मिनट से शुरु हुआ औपर सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर खत्म हुआ। इस बार खंडग्रास चंद्र ग्रहण यानि कि आंशिक चंद्र ग्रहण था।