मुख्तार अंसारी की मौत मामले में योगी सरकार को फटकार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- चिकित्सा और मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट बेटे को उपलब्ध कराई जाए

Edited By Imran,Updated: 02 Jan, 2025 05:52 PM

yogi government reprimanded in mukhtar ansari s death case

उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह गैंगस्टर एवं नेता मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़ी चिकित्सा और मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट 28 मार्च, 2024 तक उसके बेटे को उपलब्ध कराए। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस वी...

यूपी डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह गैंगस्टर एवं नेता मुख्तार अंसारी की मौत से जुड़ी चिकित्सा और मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट 28 मार्च, 2024 तक उसके बेटे को उपलब्ध कराए। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने उमर अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर गौर किया। 

उमर ने कहा कि उसके पिता की मौत से संबंधित चिकित्सा और न्यायिक जांच रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई। मऊ सदर से पांच बार विधायक रहे 63 वर्षीय मुख्तार अंसारी की 28 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश के बांदा स्थित एक अस्पताल में कथित तौर पर हृदयाघात से मृत्यु हो गई थी। वर्ष 2005 से जेल में बंद रहे मुख्तार के खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे और उसे भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। उसकी मृत्यु से पहले बेटे ने दिसंबर, 2023 में शीर्ष अदालत का रुख किया और जान को खतरे का डर जताते हुए अपने पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश देने का आग्रह किया था।

मर को दस्तावेज मुहैया कराए जाएंगे
राज्य सरकार ने 2023 में पीठ को आश्वासन दिया था कि यदि आवश्यक हुआ तो वह बांदा जेल के अंदर अंसारी की सुरक्षा मजबूत करेगी ताकि उसे कोई नुकसान न हो। बृहस्पतिवार को उप्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा कि उमर को दस्तावेज मुहैया कराए जाएंगे। पीठ ने उल्लेख किया कि अंसारी का पोस्टमॉर्टम किया गया था और बाद में मजिस्ट्रेट जांच भी की गई थी। इसने राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर उमर को चिकित्सा और जांच रिपोर्ट की प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा, जो उसके बाद तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल कर सके। 

HC ने 2024 में सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया था
उमर की याचिका में कहा गया कि जब उसकी मां ने अंसारी की सुरक्षा के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, तो अदालत ने मई, 2024 में उसकी सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया था। अंसारी की मृत्यु के समय उसके भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने आरोप लगाया था कि मुख्तार को जेल में ‘‘धीमा जहर'' दिया जा रहा था। अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया था। 

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