Edited By Deepika Rajput,Updated: 14 Oct, 2019 04:29 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को किसानों से अपील की है कि वह फसल काटने के बाद उसके अपशिष्ट (पराली) को खेत में न जलाएं। पराली जलाने से भूसे के रूप में आप न केवल बेजुबान जानवरों का हक मारते हैं, बल्कि मिट्टी में मौजूद करोड़ों की...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को किसानों से अपील की है कि वह फसल काटने के बाद उसके अपशिष्ट (पराली) को खेत में न जलाएं। पराली जलाने से भूसे के रूप में आप न केवल बेजुबान जानवरों का हक मारते हैं, बल्कि मिट्टी में मौजूद करोड़ों की संख्या में मित्र बैक्टीरियां और फंफूद जल जाते हैं। इस तरह से इससे पर्यावरण और खेत की उर्वरा शक्ति को स्थाई क्षति पहुंचती है।
मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों से किसानों को इस बाबत जागरुक करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा ‘किसानों में उस तकनीक को लोकप्रिय करें, जिससे पराली जलाने की जगह आसानी से उसको जैविक खाद में बदला जा सके।' पर्यावरण संरक्षण भारत की परंपरा रही है। लिहाजा हम ही इसका नेतृत्व भी कर सकते हैं। प्रकृति का जरूरत से अधिक दोहन होने पर हम खुद प्रकृति के कोप का शिकार हो जाएंगे। हाल के वर्षों में यह हुआ है। यही वजह है कि पर्यावरण प्रदूषण गंभीर वैश्विक समस्या बनकर उभरा है।
योगी ने कहा कि प्रकृति से प्रेम और तकनीक पर अमल से इस गंभीर समस्या से पार पाया जा सकता है। उर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को बढ़ावा देना भी प्रदूषण कम करने का एक प्रभावी तरीका है। प्रदेश सरकार लगातार इस पर जोर दे रही है।