Edited By Anil Kapoor,Updated: 21 Mar, 2025 11:00 AM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जहां जिला समाज कल्याण अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने अपने यहां तैनात बाबू गोकुल प्रसाद के जरिए अपनी पत्नी के खाते में...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जहां जिला समाज कल्याण अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने अपने यहां तैनात बाबू गोकुल प्रसाद के जरिए अपनी पत्नी के खाते में 40 हजार रुपए यूपीआई के माध्यम से ट्रांसफर कराए। इस मामले की जांच अब और विस्तृत की जाएगी, क्योंकि आरोपी अधिकारी ने बाबू के खिलाफ 110 पृष्ठों की एक शिकायत फाइल समाज कल्याण निदेशालय को भेजी है।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले दिनों गोकुल प्रसाद ने आरोप लगाया था कि मनोज कुमार शुक्ला ने उसे धमकाकर अपनी पत्नी के खाते में 40 हजार रुपए ट्रांसफर करवाए। इस पर समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अयोध्या मंडल के उपनिदेशक को मौके पर भेजकर जांच करवाने का निर्देश दिया। पूछताछ में मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि बाबू ने परिवार के एक कमाऊ सदस्य की मौत के बाद मिलने वाली पारिवारिक लाभ योजना की 30 हजार रुपए की राशि गलत तरीके से एक अपात्र व्यक्ति को दिलवाई थी। अधिकारी ने उसे वापस करने के लिए कहा था, लेकिन 40 हजार रुपए की राशि यूपीआई से अपनी पत्नी के खाते में क्यों भेजी गई, इसका वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
अधिकारी से पूछे गए सवालों के नहीं मिले जवाब
बताया जा रहा है कि अब तक की जांच में अधिकारी को यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि 40 हजार रुपए की पूरी राशि क्यों ट्रांसफर की गई, जबकि 30 हजार रुपए ही वापस किए जाने थे। इसके अलावा यह भी सवाल उठ रहा है कि यह राशि बिना नोटिस दिए और फाइल पर नोट किए बिना क्यों ट्रांसफर की गई? अधिकारी ने किस नियम के तहत अपनी पत्नी के खाते में रुपए भेजे, इसका भी वह जवाब नहीं दे सके हैं।
अब बाबू के खिलाफ भी शुरू होगी जांच
इस मामले में आगे की जांच की जाएगी, जिसमें बाबू गोकुल प्रसाद के खिलाफ भी पूछताछ की तैयारी है। इस बीच, आरोपी अधिकारी ने बाबू के खिलाफ 110 पृष्ठों की एक शिकायत फाइल समाज कल्याण निदेशालय को भेजी है, जिसमें उन्होंने बाबू के पिछले 20 वर्षों में भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोप लगाए हैं। अब इस फाइल की जांच के बाद इस मामले में और भी पहलुओं को सामने लाने की संभावना है। इस मामले में दोनों पक्षों की जांच के बाद स्थिति और स्पष्ट हो सकेगी।