Edited By Mamta Yadav,Updated: 15 Jun, 2022 06:35 PM
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के रिकार्ड में अचानक गरीब विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में कई गुने इजाफे पर हैरानगी जताते हुये विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पहले जनरल टैरिफ में की गयी अतिरिक्त वसूली को वापस करने की मांग की है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के रिकार्ड में अचानक गरीब विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में कई गुने इजाफे पर हैरानगी जताते हुये विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पहले जनरल टैरिफ में की गयी अतिरिक्त वसूली को वापस करने की मांग की है।
परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बुधवार को कहा कि प्रदेश की बिजली कम्पनियों द्वारा रातों रात 19 लाख लाइफ लाइन गरीब विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या को इस वर्ष टैरिफ प्रस्ताव में कागज में बढाकर एक करोड 39 लाख दिखाया गया है यानि करीब एक करोड 20 लाख अधिक। ऐसे में पावर कारपोरेशन को इन उपभोक्ताओं से पिछले वर्षों में की गयी अधिक वसूली वापसी कराया जाना आवश्यक है।
वर्मा ने बताया कि इस सिलसिले में उन्होने आज विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह से मुलाकात कर एक लोक महत्व जनहित प्रत्यावेदन सौंपा कि यदि एक करोड 20 लाख विद्युत उपभोक्त सौभाग्या के हैं तो यह बडा जॉंच का विषय है कि उस दोरान उनकी सप्लाई टाइप क्यों नही चेंज की गयी और जिसकी वजह से यह सभी विद्युत उपभोक्ता 1 किलोवाट 100 युनिट खर्च करने के बाद तीन रूपये प्रति यूनिट की जगह 3.35 रूपये प्रति यूनिट का भुगतान करते रहे। ऐसे में इन सभी से ज्यादा वसूली की वापसी तत्काल नियामक आयोग कराये।