Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Jul, 2024 12:59 PM
Lucknow News: कोरोना महामारी के समय लिए गए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने उन्हें निकाले जाने की शिकायत उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्यमंत्री बृजेश पाठक से की। जिसके बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में...
(अनिल सैनी)Lucknow News: कोरोना महामारी के समय लिए गए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने उन्हें निकाले जाने की शिकायत उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्यमंत्री बृजेश पाठक से की। जिसके बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के समय लिए गए डॉक्टर, नर्स और अनेकों पदों को नौजवानों को हटा दिया गया है। जिनमें से 5500 कर्मचारियों को समायोजन कर लिया गया है। लेकिन अभी भी 2200 के लगभग कर्मचारियों का समायोजन होना रहता है, जिसको जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने देगी। डिप्टी सीएम एव स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में एनएचएम निदेशक डॉ. पिंकी जावेल की ओर से आदेश जारी किए गए। ऐसे में अब इन संविदा कर्मियों को बड़ी राहत मिल गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने अपने आवास पर कोविड-19 कर्मचारियों के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय लिए गए कर्मचारियों को हटाने जाने का फैसला लिया गया था, जिससे आप सभी को बहुत परेशानी हुई। उन्होंने कहा कि मैं खुद इस मामले को देख रहा हूं। आप लोगों को हटाने से पहले अधिकारियों को समायोजन की योजना बनानी चाहिए थी। डिप्टी सीएम ने कहा कि मेरा आपसे आग्रह है कि थोड़ा समय दीजिए, जल्द ही आपका समायोजन होगा।
आपको बता दें कि बता दें कि उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना काल में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी के रुप में डॉक्टर, नर्स, कम्प्यूटर ऑपरेटर, लैब से जुड़े टेक्नीशियन व अटेंडेंट के पदों पर हजारों नौजवानों को रोजगार दिया गया था। इस व्यवस्था के 4 साल बीतने को आए तो अब इन्हें हटा दिया गया। जिसके बाद से ये सभी अब बेरोजगार होकर सड़क पर घूम रहे हैं। इन कर्मचारियाें ने अपने समायोजन की मांग लेकर उपमुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की।